Kumardungi – कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लोवासाई में पदस्थापित शिक्षक मदन हेस्सा एवं पुतुल बारिक को हटाने की मांग को लेकर कुमिरता गांव के ग्रामीणों ने बैठक किया.बैठक ग्रामीण मुंडा संग्राम तामसोय की अध्यक्षता में की गई. बैठक में मुख्य रूप से कुमिरता पंचायत के उपमुखिया शुभनाथ तामसोय उपस्थित थे

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बैठक में ग्रामीण एवं अभिभावकों ने दोनों शिक्षकों पर बच्चों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों शिक्षक बच्चों के साथ भेदभाव का व्यवहार करते हैं. अपने बस्ती के बच्चों को मध्यान भोजन में पेट भर भोजन कराते हैं. जबकि दुसरे टोला के बच्चों को कम कम भोजन परोसा जाता है. मध्यान भोजन में जिस दिन अंडा बनता है. उस दिन भी बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है. उस दिन अपने टोला के बच्चों को पुरा अंडा दिया जाता है. जबकि अन्य टोला के बच्चों को आधा अंडा दिया जाता है. इस तरह से शिक्षकों का बच्चों के साथ भेदभाव करने से बच्चे विद्यालय जाना नहीं चाह रहे हैं.

 

इतना ही नहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि शिक्षक बच्चों का बैंक में खाता खोलने के नाम पर 100 रुपया करके पैसा लिया है. परंतु अबतक बच्चों का खाता नहीं खोला गया है. शिक्षक खाता खोलने के नाम पर बच्चों का पैसा खा गके है. प्रधानाध्यापक मदन हेस्सा विद्यालय में मध्यान भोजन बनाने के लिए लाया गया गैस सिलेंडर को अपने घर में उपयोग कर रहा है. इस कारण विद्यालय में मध्यान भोजन लकड़ी से पकाया जा रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक बच्चों को मध्यान भोजन ना देकर चना एवं बिस्कुट खिलाकर घर भेज देता है. इतना ही नहीं शिक्षक मध्यान भोजन बनाने के बाद बचे सामान को अपने घरेलू उपयोग के लिए ले जाता है. इसके साथ ही बताया कि विद्यालय में मेनु के आधार पर शिक्षक बच्चों को मध्यान भोजन नहीं देता है.

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उन्होंने कहा कि दो शिक्षक काफी समय से यहाँ योगदान दे रहे हैं. लेकिन बच्चों को सही शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं. जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने की संभावना है. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपायुक्त को लिखित आवेदन देकर दोंनो शिक्षकों को हटाने की मांग करेंगे. मौके पर योगेंद्र टुटी, चम्पा सांडिल, बेंगो नायक, मुक्ता सोंलकी आदि ग्रामीण उपस्थित थे.

शिक्षको को हटाने की मांग करते ग्रामीण

क्या कहते हैं अभिभावक

◆ मेरा बेटा कृष्णा खंडाईत कक्षा चार में पढ़ता है। बेटा ने बताया कि उन्हें भरपेट खाना नहीं मिलता है। जबकि शिक्षक अपने टोला के बच्चों को पेट भर खाना खिलाते है। इस तरह बच्चों के साथ भेदभाव करना गलत है।–द्रौपती खंडाईत, अभिभावक कुमिरता

◆ मेरी बेटी लक्ष्मी सांडिल कक्षा दो में पढ़ती है. उसने बताया कि मास्टर उन्हें आधा अंडा खाने को देता है. जबकि अन्य बच्चों को पूरा अंडा देता है. इस तरह बच्चों के साथ भेदभाव कर शिक्षक बच्चों को भेद भाव का पाठ पढ़ा रहे हैं क्या.- चम्पा सांडिल, अभिभावक, कुमिरता

◆ मास्टर बच्चों के साथ मारपीट करता है. कुछ दिन पहले कक्षा 2 के माहजन सुलांकी नामक एक बच्चे को डास्टर से मारकर जख्मी कर दिया था. जिसमें उसके सिर पर से खून निकल आया था. बच्चों को मारने पीटने का अधिकार शिक्षकों किसने दिया-सोमनाथ सुलांकी, अभिभावक, कुमिरता

◆ मुझे इस बारे में गांव से शिकायत मिली. मैंने लोगों से पुछताछ किया एवं बच्चों से भी पूछताछ किया, घटना सही है पता चला. इसीलिए मास्टर को विद्यालय से हटाने की मांग को लेकर चर्चा किया गया है. – संग्राम तामसोय, ग्रामीण मुंडा कुमिरता

◆ ग्रामसभा में मुझपर लगाया गया आरोप गलत है. मैंने किसी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं किया है. ना ही किसी बच्चे से किसी तरह का पैसा लिया है. गांव वाले राजनीती के तहत मुझे फंसाना चाहते हैं. मैंने किसी बच्चा को नहीं मारा है. -मदन हेस्सा, प्राधनाध्यापक, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लोवासाई, कुमिरता

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