Chaibasa:- देश भर में मधुमेह के बढ़ते मामलों की रोकथाम एव समुचित उपचार के लिए शोध कार्य में सक्रिय पूर्वी भारत की प्रख्यात संस्था रिसर्च सोसायटी ऑफ डायबिटिक इन इंडिया” के द्वारा देश भर से मधुमेह विषय पर शोध कर रहे चिकित्सकों के बीच महासम्मेलन का आयोजन किया. शहर के जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर सौम्य सेनगुप्ता को भी विशेष रूप से इस सम्मेलन में प्रस्तुतीकरण देने के लिए आमंत्रित किया गया था.

अपने संबोधन में डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने पांव का ध्यान चेहरे की तरह रखना चाहिए. इसके प्रति सचेत रहना चाहिए, चूंकि पाव पर इसका त्वरित असर पड़ता है. ठीक होने के बाद भी दोबारा असर पड़ने की संभावना बनी रहती है. समय रहते सही उपचार व देखभाल से इसे ठीक किया जा सकता है. सम्मेलन में भाग लेकर लौटे डॉक्टर सेनगुप्ता ने बताया कि 27 और 28 अगस्त को रांची में आयोजित इस वर्ष के महासम्मेलन में देश भर से लगभग 400 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया.

डॉ सेनगुप्ता ने दो ऐसे मधुमेह पीड़ित के मामलों को पीपीटी के माध्यम से उदाहरणस्वरूप प्रस्तुत भी किया. जिन्हें उनके द्वारा समुचित इलाज से ठीक किया जा सका है. उनके चिकित्सा पद्धति से चिकित्सकों को मधुमेह की रोकथाम के नए विकल्पों की जानकारी मिली. इस प्रस्तुतीकरण को काफी सराहना मिली तथा समूह परिचर्चा के जरिए लोगों ने इससे संबंधित कई सवाल भी पूछे.

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