Jamshedpur (जमशेदपुर) : विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जमशेदपुर उपायुक्त कार्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दिव्यांगजन हित में एक महत्वपूर्ण फैसला घोषित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में जारी किए जाने वाले दिव्यांग मेडिकल प्रमाण पत्र में अब पर्सेंटेज का उल्लेख नहीं किया जाएगा। मंत्री के अनुसार, यह बदलाव दिव्यांगजन को मिलने वाली सुविधाओं और मानवीय व्यवहार को देखते हुए किया जा रहा है।

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क्यों हटाया जाएगा पर्सेंटेज का जिक्र
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी क्षमता के प्रतिशत (Percentage-based certification) के नाम पर कई बार सामाजिक दिक्कतों और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। कई विभागों में सुविधाएं और अवसर केवल प्रतिशत के आधार पर तय होने के कारण वे अक्सर भेदभाव महसूस करते हैं। इसलिए सरकार इस प्रक्रिया को सरल, संवेदनशील और सम्मानजनक बनाने की दिशा में काम कर रही है।

मंत्री ने कहा कि इस बदलाव को लागू करने के लिए वे जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव पेश करेंगे, ताकि इसे औपचारिक रूप से लागू किया जा सके। साथ ही, उन्होंने कहा कि भविष्य में दिव्यांगजन के अधिकारों और सहूलियतों को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई नई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
दिव्यांगजन के हितों पर व्यापक चर्चा
कार्यक्रम में दिव्यांगजनों द्वारा विभिन्न समस्याओं, सरकारी योजनाओं की उपलब्धता और भविष्य की जरूरतों को लेकर सुझाव प्रस्तुत किए गए। अधिकारी और प्रतिनिधि स्तर पर दिव्यांगजन को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही गई।
सत्ता परिवर्तन पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
राज्य में सत्ता परिवर्तन की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए इरफान अंसारी ने कहा कि— “किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झुकने वाले नहीं हैं। सरकार पूरी तरह स्थिर है और मजबूती से चल रही है।’’
उन्होंने इसे मात्र राजनीतिक अफवाह बताया और कहा कि सरकार जनता के विकास और कल्याण पर केंद्रित है।
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