Chaibasa (चाईबासा) : ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) केंद्रीय परिषद और पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की गिरफ्तारी को कड़े शब्दों में निंदा कीया गया है. संगठन ने इसे स्वतंत्र विचारों को दबाने का घृणित और कायरतापूर्ण कदम करार दिया है.

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एआईडीएसओ के महासचिव शिवाशीष प्रहाराज ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की यह कार्रवाई स्वतंत्र विचारों को कुचलने का निंदनीय प्रयास है. उन्होंने बताया कि एक राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर का देश की विभिन्न परिस्थितियों पर लिखना और बोलना न केवल उनकी जिम्मेदारी है, बल्कि उनके कार्य का अभिन्न हिस्सा भी है. यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर छात्रों को किसी विषय पर विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने-विचारने की शिक्षा देते हैं, जिससे ज्ञान और विज्ञान की प्रगति होती है. इससे समाज को जागरूक और सुलझे हुए नागरिक मिलते हैं.


पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी के सचिव सत्येन माहतो ने कहा सरकार की इस फासीवादी कार्रवाई से न केवल स्वतंत्र और आलोचनात्मक सोच को दबाया जा रहा है, बल्कि शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान की प्रगति भी बाधित हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि बीजेपी का कोई भी नेता बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ गलत इरादों से एफआईआर दर्ज कराता है, जिसके आधार पर सरकार उनपर एक तरफ़ा ढंग से कार्रवाई करती है.


एआईडीएसओ ने सरकार से मांग की है कि प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तत्काल रद्द किया जाए और उन्हें सम्मानपूर्वक बरी किया जाए. संगठन ने शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों पर दमन बंद करने और स्वतंत्र विचारों को व्यक्त करने का माहौल स्थापित करने की भी मांग की है.


संगठन ने आम जनता, विशेषकर छात्रों से अपील की है कि वे सरकार की इस दमनकारी कार्रवाई के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें और प्रोफेसर के समर्थन में खड़े हों.

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