Goilkera :- गोइलकेरा के साप्ताहिक हाट बाजार परिसर में रविवार को राज्य की कैबिनेट मंत्री जोबा माझी ने नागरिक एकता मंच और स्थानीय नागरिकों के साथ बैठक की। इस बैठक में यात्री ट्रेनों के पूर्ववत ठहराव को लेकर आंदोलन और आगे की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री जोबा माझी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल के बाद रेलवे का रवैया बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। रेल प्रशासन इस क्षेत्र के लोगों के संयम की परीक्षा न ले। उन्होंने कहा कि चक्रधरपुर से जराइकेला तक सभी स्टेशनों पर पहले की तरह ट्रेनों का परिचालन और ठहराव होना चाहिए अन्यथा आंदोलन होना तय है। घर के दरवाजे से गुजरने वाली ट्रेनों की सुविधा यहां की जनता को नहीं मिले, ऐसी नाइंसाफ़ी नहीं होने देंगे। उन्होंने रेलवे को चेताया कि जनता की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेनों का परिचालन और खनिजों की ढुलाई पूरी तरह बंद करा देंगे। उन्होंने कहा कि ओड़िशा के बामड़ा में एक आंदोलन से 11 जोड़ी ट्रेनें दे दी जाती है तो यहां के यात्रियों ने कोई गुनाह नहीं किया है। ट्रेनों की सुविधा सबका अधिकार है। टाटा-एलेप्पी एक्सप्रेस को भी शुरू कराया जाएगा।

रेल मंत्री से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल

मंत्री जोबा माझी ने बैठक में बताया कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी स्टेशनों पर ट्रेनों का पहले की तरह ठहराव देने की मांग को लेकर उन्होंने रेल मंत्री और बोर्ड से लगातार पत्राचार किया है। अभी 28 फरवरी को रेल मंत्री को पत्र लिखकर फिर से उन्हें अवगत कराया गया। यह उनसे अंतिम पत्राचार है। आंदोलन के क्रम में नागरिक एकता मंच के साथ उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल रेल मंत्री से मुलाकात करेगा। इस बातचीत से ट्रेनों की समस्या के समाधान का प्रयास होगा। इसमें भी समाधान नहीं हुआ तो हजारों की संख्या में रेल पटरी पर बैठकर अनिश्चित कालीन रेल चक्का जाम आंदोलन किया जाएगा।

आंदोलन में मंत्री का नेतृत्व देख हरकत में आया रेल प्रशासन

गोइलकेरा में नागरिक एकता मंच के आंदोलन को मंत्री जोबा माझी का मजबूत नेतृत्व मिला है। इससे रेल प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए हैं। 26 फरवरी को मंत्री जोबा माझी ने व्यापक आंदोलन का एलान किया था। इससे घबराकर रेलवे ने आनन फानन में 2 मार्च को गोइलकेरा में दो जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव देने की घोषणा कर दी। जबकि यहां पांच जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेन समेत 16 ट्रेनों की मांग जनता द्वारा की जा रही है। आपको बता दें कि कोरोना से पहले गोइलकेरा में 10 एक्सप्रेस ट्रेन समेत 16 ट्रेनें रुकती थीं। इनमें से कई ट्रेन 40-50 सालों से रुकती आ रहीं थीं। कोरोना के बाद स्थिति सामान्य होने पर रेलवे ने नाटकीय ढंग से सभी एक्सप्रेस ट्रेनों की सुविधा छीन ली। पैसेंजर ट्रेनों को भी बंद कर दिया।

बैठक में लोगों ने बताई समस्याएं

बैठक में ग्रामीणों ने ट्रेनों के नहीं रुकने से हो रही परेशानियों से मंत्री को अवगत कराया। मुरारी पांडेय, रवि गुप्ता, सुरसेन प्रधान, मोबिन अंसारी, विमल सिन्हा और मुखिया गणेश बोदरा ने भी अपने विचार रखे। बैठक में 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष अकबर खान, मुखिया सोमबारी बहांदा, उदय चेरोवा, सिकंदर लोमगा, राजेश चौरसिया, साकेत वाजपेयी, दिनेश गुप्ता, ईशा खान समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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