Chaibasa:- पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुपोषण को मिटाने की प्रतिवद्धता के तहत जिला दंडाधिकारी-सह-जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशन में विगत 4 माह के दौरान अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफलर में काफी वृद्धि हुई है। कुपोषण के प्रति इस संघर्ष में ग्रामीण स्तर पर सेविका-सहिया के समन्वय में 5 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषित बच्चों का पहचान किया जाता है उसके बाद बच्चों को महिला पर्यवेक्षिका, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की निगरानी पर 60 शैय्या क्षमता के साथ जिले में संचालित 5 कुपोषण उपचार केंद्र चाईबासा, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर एवं कुमारडुंगी में उनका रेफरल सुनिश्चित किया जाता है। जहां प्रतिवद्ध प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं एएनएम के द्वारा बच्चों को उपचार संबंधी बेहतर सेवाएं प्रदान की जा रही है। जनवरी 2022 में कुल 54, फरवरी 2022 में 77, मार्च 2022 में 158, अप्रैल 2022 में 169 एवं मई 2022 में 179 अति गंभीर कुपोषित बच्चों का इलाज कुपोषण उपचार केंद्र के द्वारा किया गया है। 

 

जिले में कुपोषण की गंभीरता को देखते हुए सभी कुपोषण उपचार केंद्र के द्वारा प्रत्येक माह क्षमता से अधिक अति गंभीर कुपोषित बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सेवा उपलब्ध करवाया जा रहा है। विदित रहे कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है, जो खासकर 5 वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का मुख्य कारण होता है। इससे ग्रसित बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है एवं समान्य शिशु काल की बीमारियां जैसे डायरिया, निमोनिया आदि से मृत्यु होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। कुपोषण के कारण बच्चों का समुचित मानसिक एवं बौद्धिक विकास नहीं हो पाता है, जो समाज के विकास में भी अवरोधक है।

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