सरायकेला: अविभाजित बिहार राज्य में टॉप 7 स्कूल में स्थान रखने वाले कांड्रा हरिश्चंद्र विद्या मंदिर हाई स्कूल की स्थिति वर्तमान में दयनीय है. सरायकेला ग्लास वर्क्स कंपनी बंद होने के बाद स्कूल संचालन का जिम्मा शिक्षकों ने उठाया लेकिन फंड के अभाव और रखरखाव नहीं होने से स्कूल का भवन जर्जर हो रहा है. इसे लेकर अब मंत्री चंपई सोरेन ने प्रयास किए हैं.
चंपई सोरेन,  मंत्री
सरायकेला ग्लास वर्क्स कंपनी द्वारा संचालित हरिश्चंद्र विद्या मंदिर हाई स्कूल को नए सिरे से संचालन समिति गठित कर चलाने के उद्देश्य से स्कूल के प्रधानाध्यापक जेडी महतो, वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष रामानंद शर्मा, समाजसेवी जोगिंदर प्रसाद ने मंत्री चंपई सोरेन से मिलकर स्कूल के जीर्णोद्धार की मांग की है. इस मामले पर मंत्री चंपई सोरेन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जल्द ही क्षेत्र के प्रबुद्धजन ,समाजसेवी ,जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर नए सिरे से स्कूल प्रबंधन संचालन समिति का गठन किया जाएगा. ताकि स्कूल के पठन-पाठन व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके. इन्होंने कहा कि कांड्रा के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त हाई स्कूल है. जिसमें 4 से भी अधिक पंचायतों के छात्र पढ़ने स्कूल जाते हैं. ऐसे में स्कूल को बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा.
1993 में सरायकेला ग्लास वर्क्स बंद होने के बाद स्कूल प्रबंधन डगमगाया
हरिश्चंद्र विद्या मंदिर स्कूल के प्रधानाध्यापक जेडी महतो बताते हैं कि 1993 में जब सरायकेला ग्लास वर्क कंपनी बंद हुआ तब उसके बाद से स्कूल संचालन का जिम्मा उन्होंने शिक्षकों के साथ मिलकर उठाया. पहले छात्रों से फीस नहीं लिया जाता था. लेकिन स्थिति गड़बड़ होने पर छात्रों से मामूली फीस लेकर संचालन किया जा रहा है. सरकारी मान्यता प्राप्त हाई स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर आज कई छात्र देश के कोने कोने में सफल जीवन यापन कर रहे हैं.
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