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Saraikela:जिला मुख्यालय सरायकेला से सात किलोमीटर दूर खरसावां सडक पर संजय नदी पर लगभग 13 साल से बने पथ निर्माण विभाग का आरसीसी पुल का एप्रोच नहीं रहने के कारण उक्त पुल आज भी अनुपयोगी सावित हो रही है।

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जब नदी में पानी बढ़ जाता है तो खरसावां प्रखंड जिला मुख्यालय से कट जाता है लोगों का आना-जाना बंद हो जाता है।इस मुद्दे को लेकर झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने झारखण्ड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका डब्ल्यूपी(पीआईएल)4292/ 2024 दायर किया है। जिसमें 6 मई 2025 को दूसरी सुनवाई हुई। झारखंड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र एवं राजेश शंकर ने  सुनवाई की। झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के तरफ से संस्था के अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश ने उक्त जनहित याचिका दायर किया है एवं जलाडो की तरफ से  झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज कुमार चौबे बहस कर रहे हैं।

मार्च महीने में काम हुआ अलॉट ,धरातल पर कुछ भी नहीं

ओम प्रकाश ने बताया कि इस मामले में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल सरायकेला ने शपथ पत्र दायर कर कोर्ट को बताया है कि मार्च 2025 में टेंडर दिया जा चुका है एवं अगस्त 2025 तक काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन जलाडो के तरफ से अधिवक्ता मनोज चौबे ने कोर्ट को बताया कि मार्च महीने में काम अलॉट कर दिया गया है, लेकिन धरातल पर कुछ भी काम नहीं हो रहा है। इसके साक्ष्य के तौर पर पुल का फोटो भी दिखाया गया। उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए केस को निष्पादित नहीं किया एवं अगली तिथि आगामी 7 अक्टूबर 2025 निर्धारित करते हुए अब राज्य सरकार को निर्देशित किया कि उस पुल के एप्रोच रोड संबंधी रिपोर्ट दायर करें।ओम प्रकाश ने बताया कि यह पथ निर्माण विभाग का लगभग 110 मीटर लंबा आरसीसी पुल है एवं 13 साल से बनकर बेकार पड़ा है। क्योंकि एप्रोच रोड नहीं रहने के कारण यह जनता का कोई काम नहीं आ रहा है एवं जलाडो का कहना है कि पथ निर्माण विभाग अब भी लापरवाही कर रहा है।

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