सरायकेला: कोल्हान के लाइफ लाइन माने जाने वाले टाटा- सरायकेला सड़क पर बीते 6 महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद सड़क दुर्घटना में घायलों को एंबुलेंस सुविधा तत्काल नहीं मिल पाने के कारण मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जिस पर सरकार और प्रशासन ने भी चुप्पी साधी है।

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झारखंड के मुख्यमंत्री के गृह जिला एवं विधानसभा क्षेत्र में व्यस्ततम टाटा -सरायकेला सड़क पर रोजाना औसतन 2 से तीन दुर्घटनाएं घटित होती है, जिनमें से अधिकांश मौत केवल समय पर सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को इलाज नहीं मिलने के कारण हुई है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बीते 6 महीने से भी अधिक समय बीतने के बावजूद सरायकेला -टाटा मुख्य मार्ग पर जेआरडीसीएल एम्बुलेंस की सेवा पूरी तरह ठप्प है ,कंपनी द्वारा एंबुलेंस में ईंधन नहीं भराए जा रहा, वहीं चालकों को भी हटा दिया है, नतीजतन एंबुलेंस सड़क किनारे शोभा मात्रा की वस्तु बनकर रह गई है ,मुख्यमंत्री के गृह जिला में यह हाल है तो सोचिए जरा अन्य स्थान पर क्या हाल होगा। आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 जिले में पूरी तरह कारगर नहीं है, जिसके चलते मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इस मामले पर ना तो परिवहन विभाग गंभीर है ना ही सरकार और स्थानीय प्रशासन.

 जेआरडीसीएल हत्यारा करेंगे मामला दर्ज: उदय

टाटा -सरायकेला मार्ग पर जेआरडीसीएल द्वारा एंबुलेंस सेवा रोके जाने के विरुद्ध भाजपा जिला अध्यक्ष उदय सिंह देव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे जेआरडीसीएल के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करेंगे, इन्होंने बताया कि हाल ही में एक व्यक्ति की मौत सिर्फ समय से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के चलते हुआ, ऐसे में उसे व्यक्ति की दुर्घटना में मौत नहीं हुई बल्कि जेआरडीसीएल ने उसकी हत्या कर दी, इस मामले को लेकर कंपनी के विरुद्ध अपराधिक हत्या का मामला दर्ज कराएंगे।

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