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दो समूहों में बंटी नीलामी प्रक्रिया, छोटे पूंजीपति चिंतित

सरायकेला-खरसावां: जिले में लंबे समय से प्रतीक्षित बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई है। इस बार जिला प्रशासन ने घाटों को दो समूहों – ग्रुप ए (चांडिल) और ग्रुप बी (सरायकेला) में विभाजित कर नीलामी कराने का निर्णय लिया है।

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ग्रुप ए की शुरुआती बोली 25 करोड़

ग्रुप ए में सोरो-जरगोडीह, सोरो-बिरडीह, बामुंडीह-गोविंदपुर-सापदा और बालीडीह-चांडिल के घाट शामिल हैं। इन घाटों की सरकारी न्यूनतम बोली लगभग 25 करोड़ रुपये तय की गई है। प्रशासन का मानना है कि इस ग्रुप में कई बड़े पूंजीपति दिलचस्पी दिखा सकते हैं।

ग्रुप बी की बोली 20 करोड़ से शुरू

ग्रुप बी में सरजामडीह, नुआडीह, चमारु, जादुडीही, बालीडीह-राजनगर, लक्ष्मीपुर और बालीडीह-चांडिल के घाटों को शामिल किया गया है। यहां की सरकारी शुरुआती बोली 20 करोड़ रुपये रखी गई है। इस ग्रुप में भी बड़ी कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है।

ऑनलाइन नीलामी से पारदर्शिता का दावा

प्रशासन ने जानकारी दी है कि नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इच्छुक प्रतिभागियों को ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी। नीलामी की तिथि और समय पहले से पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं।

छोटे पूंजीपतियों की बढ़ी चिंता

बालू व्यवसाय से जुड़े छोटे कारोबारी नीलामी प्रक्रिया को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि समूहों में नीलामी होने से बड़े पूंजीपतियों को फायदा मिलेगा, जबकि वे खुद इस प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। उनका मानना है कि यदि घाटों की नीलामी व्यक्तिगत रूप से एक-एक करके होती, तो वे भी भाग ले सकते थे।

नीलामी से सरकार को राजस्व लाभ

इस नीलामी से सरकार को भारी राजस्व की प्राप्ति होगी। साथ ही बालू घाटों का उपयोग करने वाले उद्योगों को भी सीधा लाभ पहुंचेगा। उचित चयन प्रक्रिया के चलते अवैध खनन पर भी रोक लगाने की संभावना है।

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