Saraikela: सरायकेला परिसदन में शुक्रवार को झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम पहुंची. जहां बाल संरक्षण के साथ बाल मजदूरी रोकने जैसे गंभीर मुद्दों पर प्रमुख रूप से चर्चा की गई.आयोग की टीम में प्रमुख रूप से सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी मौजूद रहे, जिनकी अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई.

बैठक में आयोग के सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी के अलावा सदस्य रुचि कुजूर, विकास दोदराजक, सरायकेला एसडीओ रामकृष्ण कुमार, डीएसपी मुख्यालय चंदन वत्स के अलावा विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में प्रमुख रूप से माइनिंग विभाग को निर्देशित किया गया कि माइनिंग से जुड़े उद्योग -धंधों में बाल मजदूरी रोकी जाए. इसे लेकर विशेष जांच और छापेमारी अभियान चलाया जाए. सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी ने बताया कि माइनिंग से जुड़े उद्योग ईट भट्टे ,क्रशर उद्योग में बाल मजदूरी रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं उन्होंने बताया कि माइनिंग उद्योग से जुड़े संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें आयोग के निर्देशों से अवगत कराया जाए. जिसके बाद नियमों की अनदेखी करने वाले संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी.इसके अलावा स्कूली बसों में बच्चों के आवागमन की भी निगरानी की जाए।
14 से 18 वर्ष के बच्चों का स्कूल में दर्ज हो 90% उपस्थिति
आयोग के सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी ने बताया कि बाल संरक्षण अधिनियम के तहत 14 से 18 वर्ष के बच्चों को बाल मजदूरी रोकने के लिए बनाए गए कानून का सख्ती से अनुपालन हो. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि 14 से 18 वर्ष के बच्चे अतिरिक्त समय में आजीविका के उद्देश्य से कार्य करें, लेकिन स्कूल की उपस्थिति 90% तक सुनिश्चित हो. ऐसा नहीं करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्रवाई की जाए. आयोग द्वारा बताया गया कि यदि कोई अभिभावक अपने बच्चों को निजी संस्थानों में कार्य कराते हैं तो उन्हें अवश्य रूप से स्कूल भेजा जाए ऐसा नहीं करने वाले अभिभावकों पर भी कार्रवाई होगी।
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