सरायकेला: रांची विश्वविद्यालय के बिरसा कॉलेज खूंटी के एमए के 28 छात्र प्रोजेक्ट कम रिसर्च टूर पर शनिवार को सरायकेला पहुंचे। कॉलेज के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अभिषेक कुमार के नेतृत्व में छात्रों ने सरायकेला के प्राचीन जगन्नाथ श्री मंदिर, माजना घाट स्थित प्राचीन पंचमुखी बाबा शिव मंदिर सहित छऊ नृत्य मुखौटा निर्माण और छऊ कल्चर को जाना। 
इस दौरान छऊ नृत्य कला के जानकार तपन कुमार पटनायक से मिलकर उन्होंने छऊ नृत्य कला के इतिहास की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट कम रिसर्च टूर के दौरान राजाओं के काल का साक्ष्य एकत्रित करते हुए गढ़ का इतिहास जानने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही सरायकेला के उत्कल स्टेट से संबंध, खरसावां गोलीकांड, पाइक सैनिक, सबर जाति के संबंध में जानकार कार्तिक परीक्षा से इतिहास की जानकारी ली गई। इस दौरान छात्रों ने महाभारत काल के प्रत्यक्षदर्शी माने जाने वाले मिर्गी चिंगड़ा स्पॉट का भी निरीक्षण किया। विभागाध्यक्ष डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि सराय किला का इतिहास समृद्ध रहा है। यहां के धरोहरों को बचाए रखना हम सभी का दायित्व है। विभाग की डॉ असुता तिग्गा की उपस्थिति में छात्र शशि भूषण द्वारा बताया गया कि मंदिर के इतिहास को देखा गया। उसके काल की भी गणना की गई। सरायकेला का प्राचीन इतिहास रहा है। जरूरत है इसके इतिहास को संवारने की। बताया गया कि प्रोजेक्ट कम रिसर्च टूर के पहले चरण में सरायकेला के इतिहास को जानने का प्रयास किया गया है। इसके दूसरे चरण में दुमका और देवघर जाकर मलूटी के इतिहास से छात्र परिचित होंगे। और तीसरे चरण में चरण में रामगढ़, हजारीबाग के साथ रजरप्पा का भ्रमण भी किया जाएगा।
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