सरायकेला: चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत कपाली के डोबो पुल नामकरण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है रविवार को आदिम जनजाति के लोगों ने भगवान बिरसा मुंडा का समर्थन करते उक्त स्थल पर पहुंचे. इस दौरान भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को स्थापित कर दिया.

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भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को स्थापित करते हुए लोग
पुल पर प्रतिमा स्थापित करने दौरान भारी संख्या में भगवान बिरसा मुंडा के समर्थक मौजूद थे.इधर डोबो पूल नामकरण को लेकर कुछ दिनों पहले शहीद रघुनाथ महतो समर्थक और भगवान बिरसा मुंडा के समर्थक आमने-सामने हो गए थे. दोनों गुटों के लोग आपस में भीड़ गए थे, जिससे माहौल बिगड़ता देख कपाली पुलिस द्वारा फौरन मोर्चा संभाला गया था. जिससे वहां हिंसक झड़प होने से रोका गया था. इधर रविवार को एक बार फिर भगवान बिरसा मुंडा के समर्थक उक्त स्थान पर भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापित किया.  
भगवान बिरसा मुंडा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व डोबो पुल निर्माण के साथ डोबो ग्राम सभा द्वारा आम बैठक कर पुल का नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया था .आधिकारिक तौर पर प्रतिमा स्थापित नही की गई थी. इस बीच शहीद रघुनाथ महतो के समर्थकों ने पुल पर स्वर्गीय रघुनाथ महतो की प्रतिमा स्थापित की गई थी. जिसे लेकर दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इधर मौके पर मौजूद आदिवासी केंद्रीय समिति की महिला सचिव द्रौपदी मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के अपमान को आदिम जनजाति के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. इन्होंने कहा कि कुड़मी समाज के लोग आंदोलन कर आदिवासी का दर्जा प्राप्त करना चाहते हैं. वहीं दूसरी ओर पुल मामले में आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा को अपमानित कर रहे हैं जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है .इस मौके पर बड़ी संख्या में आदिम जनजाति के महिला पुरुष पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर प्रतिमा स्थापित करने पहुंचे थे.
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