Chaibasa:- नाट्य एवं सामाजिक संस्था सृष्टि चाईबासा आदिवासी उरांव समाज द्वारा आयोजित कर्मा पर्व की पूर्व संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम सह मिलन समारोह के कार्यक्रम में प्रकाश कुमार गुप्ता द्वारा लिखित एवं निर्देशित शिक्षा पर आधारित नाटक “शिक्षा ही ज्योति” का सफल मंचन शहर चाईबासा के पिल्लई टाउन हॉल में किया गया. नाटक के माध्यम से सृष्टि के कलाकारों ने यह बताने का प्रयास किया कि आज आदिवासी समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं और आए दिन अनपढ़ रहने के कारण ठगे और लूटे जाते हैं.

नाटक के कहानी में दिखाया गया कि मां काम में जाती है और बच्चियां घर में खाना बनाती है और बेटा इधर-उधर गोदाम गोदाम घूमता है नशा करता है. इधर, बाप भी दिनभर नशे में धुत रहता है और एक दिन अत्याधिक नशा करने के कारण बाप बीमार हो जाता है. घर में दवा के लिए एक भी पैसा नहीं रहता है, मां दौड़ती हुई मालिक के पास जाती है, उधार में पैसा मांगती है और अँगूठा लगाकर आती है. बाद में उसी अंगूठे के निशान का फायदा उठाते हुए मालिक घर को लूटना चाहता है, कि तुमने मुझसे पैसे लिए हैं और समय पर लौटा नहीं सके हो तो अब घर हमारा हुआ, अंत में नाटक के सूत्रधार मास्टर जी आकर पूरे मामले को संभालता है. नाटक को उपस्थित दर्शकों ने काफी सराहा.

नाटक मंचन करते कलाकार

इस मौके पर कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा के द्वारा नगद पुरस्कार दिया गया. नाटक में प्रकाश कुमार गुप्ता, जूलियानी कोड़ा, शिवलाल शर्मा, अमन मछुआ, प्रेम मछुआ, रुपेश मछुआ, आरती, सोनिया, सुनीता, बिरसी, मुस्कान एवं बसंत करवा ने अपनी-अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया.

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