Chaibasa : टाटा स्टील फाउंडेशन ने विकास भवन चाईबासा में मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एमएसडीसी) का उद्घाटन किया. इस उद्धघाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड की महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा माझी उपस्थित रही. इस दौरान विशिष्ट अतिथि के तौर पर चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ, पश्चिम सिंहभूम के एसडीएम शशींद्र कुमार बड़ाइक, पश्चिम सिंहभूम के डीसी अनन्य मित्तल, क्वेस कॉर्प लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट राजश्री I V, अतुल भटनागर, जीएम, ओर माइंस एंड क्वैरीज़, टाटा स्टील, और झारखंड सरकार और टाटा स्टील लिमिटेड के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.

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एमएसडीसी के बारे में अपने विचारों को साझा करते हुए मंत्री जोबा मांझी ने पश्चिमी सिंहभूम के युवाओं के लिए फाउंडेशन और जिला प्रशासन के समर्पित प्रयासों में अपना विश्वास व्यक्त किया. उन्होंने निकट भविष्य में एमएसडीसी युवाओं को दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल करते देखने की उम्मीद जताते हुए इस पहल की सराहना की.

इस अवसर पर अपने संबोधन में फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, सौरव रॉय ने कहा कि एमएसडीसी चाईबासा युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों तक पहुंच को सक्षम करने में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है जहां उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है. यह सुविधा और इसकी पाठ्यक्रम संरचना आने वाले समय में झारखंड राज्य में युवाओं को कौशल प्रदान करने की हमारी योजना में आदर्श बदलाव लाने के लिए तैयार है. इसके उन्होंने जिला और राज्य-स्तरीय प्रशासनों का हम पर भरोसा करने और इसे संभव बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया.

परियोजना के लिए विकास भवन को फिर से डिजाइन किया गया है और एक समय में 500 छात्रों को समायोजित करने के लिए सुसज्जित किया गया है. यह केंद्र, सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के अनुसार सप्लाई चेन में वेयरहाउस पैकेजिंग, ऑटो सेवा तकनीशियन, सहायक तकनीशियन और मोबाइल असेंबली सहित चार पाठ्यक्रमों की शुरुआत करेगा. ये सभी तीन से छह महीने के पाठ्यक्रम हैं, जिनकी पहचान क्षेत्र में किए गए एक अध्ययन के माध्यम से की गई है.

नियमित रख रखाव के अलावा, फाउंडेशन प्रारंभिक बुनियादी संरचना को मजबूत करने का कार्यभार संभालेगा. इसके अलावा, प्रशिक्षण साझेदारों, प्रशिक्षकों और उपकरणों की व्यवस्था में भी टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा सहयोग किया जाएगा.

एमएसडीसी की स्थापना पश्चिमी सिंहभूम में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए शैक्षिक बुनियादी संरचना और कौशल विकास में अंतराल को मिटाने के उद्देश्य से की गई है. इस पहल के माध्यम से, टाटा स्टील फाउंडेशन का इरादा स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बाहर जाने वाले युवाओं के मुद्दों को उनके लिए सुलभ क्षेत्र में एक सीखने के मंच को सक्षम करके संबोधित करना है. यह एक प्रबुद्ध, न्यायसंगत समाज बनाने के फाउंडेशन के दृष्टिकोण के अनुरूप है. जहां हर व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन जीने के अवसरों का लाभ उठा सके.

कोल्हान और पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र में चल रही पहलों में समृद्धि परियोजना (जिसने पिछले पांच वर्षों के दौरान 450 से अधिक लड़कियों को एएनएम, जीएनएम, नर्सिंग आदि में प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद की), औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, जगन्नाथपुर, दिव्यांगता के लिए सबल केंद्र, नोवामुंडी ब्लॉक में परिधान प्रशिक्षण केंद्र, आईटीआई, जगन्नाथपुर में 2-3 व्हीलर प्रशिक्षण केंद्र इत्यादि शामिल हैं.

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