Chaibasa :- टाटा स्टील फाउंडेशन (Tata Steel Foundation) अपने समस्त कार्य क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्थायी आजीविका के अवसर, कृषि विकास के माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण, बाजार से जुड़ाव, युवा कौशल विकास, जनजातीय समुदायों की सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के प्रति समर्पित है.

नोवामुंडी में टाटा स्टील फाउंडेशन ने कई पहल की हैं और इस साल आजीविका को ध्यान में रखते हुए एक विशेष पहल कर वैज्ञानिक रूप से लाह की खेती की शुरूवात की है. लाह की खेती के वैज्ञानिक अभ्यास में मेजबान पौधों की उचित देखभाल और नियमित छंटाई, टीकाकरण, कीटनाशकों का समय पर छिड़काव, कटाई, फंकी हटाना, संग्रह और प्रसंस्करण शामिल है.

वर्षों से नोवामुंडी के किसानों को टीएसएफ द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न आजीविका आयामों और विधियों से लाभ हुआ है. लाभान्वित किसानों में नोवामुंडी प्रखंड के दुधबीला पंचायत के अंतर्गत आने वाले सुकरीपारा गांव में 5 सदस्यों के साथ रहने वाले 55 वर्ष मंगल केराई भी शामिल है. प्रारंभ में उन्होंने झालदा पश्चिम बंगाल में टाटा स्टील फाउंडेशन नोआमुंडी द्वारा आयोजित एक एक्सपोजर सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. बाद में वे उच्च प्रेरणा स्तर के साथ वैज्ञानिक लाह की खेती में शामिल हुए और पहले सीज़न (6 महीने) में 61,100 रुपये कमाए. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मंगल हमेशा बारिश पर निर्भर खेती में ही लगे रहते थे. पहले उनकी सालाना आमदनी 30 से 35 हजार रुपये थी. लेकिन दूसरे सीजन को मिलाकर वे एक लाख से ज्यादा कमा लेंगे.

लाह की खेती अत्यधिक लाभकारी है. औसतन आधा किलो ब्रूड लाह से कम से कम 5 किलो उत्पादन हो सकता है और इसे 800 प्रति किग्रा. रुपये में बेचा जाता है. लाह की खेती एक कम लागत वाली आजीविका का साधन है. जिसमें ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की क्षमता है. टाटा स्टील फाउंडेशन की पायलट परियोजना, लाह खेती, जनवरी से जुलाई 2022 तक पहले सीज़न में 92 किसानों ने कुल 29 क्विंटल उत्पादन के साथ 6.85 क्विंटल ब्रूड लाह लगाया है. लाह उत्पादकों को सुनिश्चित की गई प्रत्यक्ष नकद आय की कुल मात्रा 25.80 लाख है.

पहले सीज़न में औसतन प्रति लाभार्थी न्यूनतम 28043/- रु की आय अर्जित की है. जून 2022 से जनवरी 2023 तक 362 किसानों ने 38.40 क्विंटल ब्रूड लाह का कलम लगाया है. न्यूनतम 200 क्विंटल उत्पादन और एक करोड़ प्रत्यक्ष नकद आय की उम्मीद के साथ कुल 17 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है. भविष्य में, तीसरे सीजन में 1000 लाह उत्पादक शामिल होंगे, जो जनवरी से जुलाई 2023 तक चलेगा.

गौरतलब है कि टीएसएफ का उद्देश्य किसानों को उनके संचालन क्षेत्रों में सशक्त बनाना और किसानों को आजीविका के नए अवसर प्रदान करना है.

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