1

Chaibasa (चाईबासा) : जिला उपभोक्ता आयोग, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) ने एक महत्वपूर्ण आदेश में हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को उपभोक्ता से लिए गए निवेश की राशि 43,104 रुपये की मैच्योरिटी रकम के साथ-साथ 10,000 रुपये मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा के लिए मुआवजा और 5,000 रुपये वाद व्यय के रूप में कुल 58,104 रुपये 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया है.

झारखंड : डाक विभाग के खिलाफ सेवा में कमी का मामला में उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला, उपभोक्ता को 1 लाख रुपये मुआवजा देने का दिया निर्देश

यह मामला टोंटो थाना क्षेत्र के गांव नोंगाड़ा निवासी बागुन डोराईबुरु द्वारा दायर किया गया था. उन्होंने 31 दिसंबर 2018 को सोसाइटी की F64 गोल्डन ए डबल स्कीम के तहत 21,552 रुपये का निवेश किया था, जिसकी मैच्योरिटी 30 अप्रैल 2024 को 43,104 रुपये होनी थी। परंतु, मैच्योरिटी के बाद भी भुगतान नहीं किया गया.

बगुन डोराईबुरु और उनकी पत्नी मंजू डोराईबुरु ने आयोग में साक्ष्य पेश किए, जिसमें प्रमाण पत्र, रसीदें, पासबुक और आधार कार्ड शामिल थे. साथ ही, शिकायतकर्ता ने बताया कि कई बार हाटगम्हरिया व चाईबासा ब्रांच के चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें पैसे नहीं लौटाए गए और स्पष्ट रूप से कहा गया कि “आपको पैसा नहीं मिलेगा”.

सुनवाई के दौरान प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थिति नहीं हुई, न ही कोई लिखित जवाब प्रस्तुत किया गया. एक व्यक्ति अनिल सिन्हा ने स्वयं को सहारा इंडिया, हाटगम्हरिया शाखा का प्रबंधक बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केवल 31 मार्च 2024 तक की मैच्योरिटी राशि CRC पोर्टल से जारी की जा रही है, और उनके पास आगे बढ़ने का कोई निर्देश नहीं है. वही प्रतिवादी की ओर से बहस में कुछ न्यायालय के निर्णय भी प्रस्तुत किये गए.

आयोग ने सुनवाई के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि सोसाइटी द्वारा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और जब उपभोक्ता की रकम समय पर नहीं लौटाई जाती है, तो यह सेवा में स्पष्ट कमी है. आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता एक सदस्य होते हुए सेवा का लाभ ले रहे थे, और भुगतान नहीं होना उपभोक्ता के साथ अन्याय है.

आदेश में यह भी कहा गया कि यदि 45 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो निर्णय की तिथि से कुल राशि पर 9% वार्षिक ब्याज देना होगा.

http://JVNL आम उपभोक्ताओं से 6.25 रुपये नहीं, बल्कि 8.50 रुपये वसूल रहा – अनूप सुल्तानिया

Share.
error: Content is protected !!
Exit mobile version