Chaibasa :- झारखंड सरकार आप लोगों के कार्य को देखते हुए मानदेय बढ़ाने का बड़ा कदम उठाया है. आप की भी जिम्मेदारी है कि आप अपने क्षेत्र में कुपोषण, अंधविश्वास, अशिक्षा को दूर कर समाज को नई दिशा दें. वही आपके विभाग में छोटे बच्चों को इस वर्ष सरकार गर्म कपड़ा वितरण करेगी. साथ ही कुपोषण मिटाने के लिए प्रत्येक दिन आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए अंडा भी दिया जाएगा. उक्त बातें चाईबासा में सेविका सहायिका की ओर से आयोजित आभार यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री झारखंड सरकार जोबा मांझी ने कही.

 

कार्यक्रम में उपस्थित सेविकाएं सहायिकाएं

मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि झारखंड राज्य अलग होने के बाद जब मैं महिला बाल विकास मंत्री बनी थी. तभी से लेकर इसके लिए चिंतित थी. किस तरह सेविका, सहायिका की मदद की जाए. 2006 में भी हमने कुछ मानदेय की वृद्धि की थी, लेकिन वह नाकाफी था. लेकिन मन में था कि आप लोगों के काम और जिम्मेदारी को देखते हुए सरकार की ओर से कुछ बड़ा किया जाए. इस बीच हमारी सरकार नहीं रही, लेकिन 2019 में जब हम फिर से सरकार में आए तो सौभाग्य से मुझे आप लोगों को विभाग संभालने का मौका मिला और उसी दौरान मैंने तय किया था कि सेविका-सहायिका का मानदेय नियमावली बनाया जाएगा. आपके सहयोग से ही हमने यह बड़ा कदम सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन के साथ मिलकर उठाया है. मुख्यमंत्री भी आप लोगों के मांग को लेकर काफी गंभीर थे. सही आभार और धन्यवाद के पात्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं, जिनके द्वारा पारा शिक्षक, सेविका सहायिका, पुराना पेंशन योजना, शिक्षक बहाली समेत ऐतिहासिक रूप से कई बड़े निर्णय लिए हैं. जिससे राज्य के विकास के साथ-साथ राज्य को चलाने में सहयोग करने वाले लोगों को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.

मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पूर्ण बहुमत में ही सरकार आपके लिए भला कर सकती है. हमारी गठबंधन की सरकार जनहित के कोई भी मामले हो उन पर निर्णय लेने से कभी नहीं कतराई. पूर्व में केंद्र सरकार के द्वारा पेंशन देने के टारगेट फिक्स किया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सर्वजन पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर सभी को पेंशन देना, विधवा, दिव्यांग समेत अन्य सभी जरूरतमंदों को पेंशन लाभ योजना से जोड़ दी है. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से जनता की समस्या का समाधान आन द स्पाट किया जाने लगा है. यह सरकार की बड़ी सोच दर्शाती है. जोबा मांझी ने कहा कि राज्य और खासकर पश्चिम सिंहभूम जिला में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. ग्रामीण क्षेत्र में यह समस्या बड़ी है. इसलिए सेविका सहायिका की जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी हो जाती है. कई बार ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह होने से किशोरी कम उम्र में मां बनती है और उससे पैदा होने वाला बच्चा भी काफी कमजोर और कुपोषित होता है. इसको दूर करने के लिए हमें जागरूक होना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में डायन प्रथा, नशा पान, अंधविश्वास जैसी बड़ी समस्या मौजूद है. इसके लिए सेविका सहायिका के जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को जागरूक कर इसको दूर करें आप अपने काम में ध्यान दें सरकार आपकी समस्या पर ध्यान देगी.

 

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