Chaibasa :- प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अगहन माह की शुभ बेला में सोमवार को उरांव समाज के बान टोला में वनभुजनी पूजा का आयोजन किया. पूजन का आयोजन समाज के पाहन (पुजारी) फागु खलखो पनभरवा मंगरू टोप्पो, चमरू लकड़ा व सहयोगी संजय कुजूर, भोला तिर्की के द्वारा सरना स्थल ( चाला मण्डप ) में पूजा अर्चना किया गया. वहीं रात में पाहन व पनभरवा ने टोला मोहल्ले की सभी दुख-तकलीफ, हैजा, चेचक व मलेरिया जैसे महामारी बीमारी को दूर करने के लिए रात में उरांव समाज के अखाड़े में पूजा किया जाता है.

ये है प्रथा :-
प्रथा है कि आज के दिन मुहल्ले के सभी घरों में रात को घर के बाहर आँगन में चूल्हा बनाकर खाना बनाया जाता हैं और सभी एक-दूसरे आपस में मिलजुल कर भोजन का ग्रहण करतें हैं. इसके साथ ही देर रात पूजा के बाद पूजा स्थल से ही छोटे-छोटे बच्चे निर्वस्त्र होकर हाथ में डंडा लेकर पुरे टोला मुहल्ला का भ्रमण करेंगे. प्रथा अनुसार उरांव समाज के लोग अपने-अपने आंगन में एक हंडी रखते हैं जिसे निर्वस्त्र लड़के रात को घूम-घूमकर फोड़तें हैं. वही हंडियों को फोड़ने के बाद सभी लड़के श्मशान काली मंदिर में स्नान कर व वस्त्र पहनकर लौट आयेंगे. माना जाता है कि जो घर से हंडी नही निकलता है उसके घर की दुख दर्द तकलीफे दुर नही होती. अगले दिन सुबह में फोड़े गए हंडियों को मुहल्ले की प्रत्येक घर की महिलाएं उठाकर व उसकी साफ-सफाई कर श्मशान काली मंदिर के एकांत स्थान अथवा मुहल्ले के सीमा से बाहर फेंककर स्नान करेंगी और अपने-अपने घर वापस लौट आएंगी. इसके बाद ही यह पूजा सुचारू रूप से संपन्न होगी.

इस अवसर पर समाज के मुखिया लालू कुजूर व सभी पदाधिकारी राजेन्द्र कच्छप खुदिया कुजूर, सीताराम मुण्डा, जगरनाथ लकड़ा, तेजो कच्छप, कृष्णा तिग्गा, सुखदेव मिंज, बंधन खलखो, रवि तिर्की, बिगु लकड़ा, भरत कुजूर,सुनिल खलखो, कलिया कुजूर, पिन्टु कच्छप, अजय लकड़ा,जगरनाथ कुजूर, दशरथ कुजूर, सुरज टोप्पो, सुखदेव मिंज, मनोज तिग्गा, मनीष तिर्की, बुधराम लकड़ा, सावन तिर्की, जगरनाथ टोप्पो, कृष्णा टोप्पो, रवि कुजूर, बिरसा लकड़ा,सुकरा कच्छप, करमा कुजूर, कृष्णा तिर्की, आकाश टोप्पो, देवानंद लकड़ा, दिलीप कच्छप,हुरिया बरहा,छेदु लकड़ा आदि समाज के लोग काफी संख्या में उपस्थित थे.

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