सरायकेला: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे एमडीए-आईडीए अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इसकी समयसीमा को बढ़ा दिया गया है। अब यह अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य जिले के सभी लक्षित लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन की दवा देना है ताकि इस गंभीर बीमारी से निजात मिल सके।
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सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने जानकारी दी कि अब तक जिले में 85 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। शेष बचे लोगों तक दवा पहुँचाने के लिए मॉपअप राउंड चलाया जा रहा है, जिसमें घर-घर जाकर दवा दी जा रही है और लोगों को इसके महत्व के बारे में समझाया जा रहा है।इसी क्रम में कुचाई प्रखंड के छोटा चाकरी गांव में एक रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया, जहाँ ग्रामीणों को अभियान की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में सीएचसी प्रभारी व जिला मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुजीत कुमार मुर्मू के नेतृत्व में टीम ने ग्रामीणों को दवा खिलाई और फाइलेरिया के लक्षणों, प्रभाव और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया।
ग्राम पंचायत की मुखिया की उपस्थिति में ग्रामीणों ने दवा का सेवन किया और अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अभियान के अंतर्गत दी जा रही दवाओं का सेवन जरूर करें। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और फाइलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव में अत्यंत प्रभावी हैं।फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से होती है और समय पर इलाज न होने पर यह विकलांगता का कारण भी बन सकती है। इसलिए जरूरी है कि सभी लोग समय पर दवा लें और इस अभियान को सफल बनाएं।
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और ग्रामीणों की जागरूकता से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह बीमारी पूरी तरह समाप्त हो सकेगी।