Chaibasa :- पश्चिम सिंहभूम जिले की जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) नीरज कुजूर पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ना किसी की बात सुनती है और ना ही फोन उठाती है. उक्त बातें जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव चाईबासा स्थित जिला परिषद कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कही.

उन्होंने कहा कि सारंडा स्थित मनोहरपुर में एक मात्र कॉलेज है जंहा सारंडा के सुदूरवर्ती जंगल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से गरीब बच्चे पढ़ने आते हैं. मनोहरपुर स्थित संत अगस्तीन इंटर कॉलेज की ओर से सत्र 2022-2024 के लिए इंटरमीडिएट में सीट वृद्धि करने के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) पश्चिम सिंहभूम को अगस्त माह में पत्र दिया गया था. जिसमे यह मांग की गई थी कि संत अगस्तीन कॉलेज झारखंड के सुदूरवर्ती आदिवासी पिछड़ी बहुल क्षेत्र में स्थित है. इस कॉलेज में मात्र 334 सीट है और कॉलेज में 500 से अधिक फॉर्म दाखिला के लिए जमा किये गए हैं. साथ ही साथ समय-समय पर पूछताछ करते रहते हैं. मालूम हो कि यह कॉलेज के सुदूरवर्ती आदिवासी पिछड़ी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अवस्थित है. महाविद्यालय कह कर भी अतिरिक्त दाखिला नहीं ले पा रहे हैं वर्तमान समय में महाविद्यालय को इंटरमीडिएट में कम से कम 256 अतिरिक्त सीट वृद्धि किया जाए.

उसके बावजूद भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है, उनका नया नजरअंदाज करने के पीछे क्या वजह है यह समझ से परे है. इतना ही नही फोन करने पर फोन नही उठती हैं, मनोहरपुर से आकर अगर लोग मिलना भी चाहते हैं तो जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) से मिलने से पहले कार्यालय के किसी अन्य कर्मचारी से मिलने के लिए कहा जाता है, उसके बाद अगर कर्मचारी जरूरी समझे तो ही जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलने दिया जाता है, नही तो नहीं मिलने दिया जाता.

रंजीत यादव ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा केवल JAC के पास आवेदन को अग्रसित कर देना था. JAC अनुमति देता या नही देता वो बाद कि बात है लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कॉलेज द्वारा दिये गए पत्र को आगे ही नही बढ़ाना भी जरूरी नही समझी. इतना ही नही उन्हें फोन करने पर फोन उठाना और मैसेज करने पर मैसेज का रिप्लाई देना भी जरूरी नही समझती.

उन्होंने कहा कि यह सारंडा के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है, जिला शिक्षा पदाधिकारी को ऐसा नही करना चाहिए. जिससे किसी भी बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ हो, ऐसे DEO को जिले में रहने का कोई हक नहीं है. मुख्यमंत्री की सोच है राज्य का हर वर्ग और तबका शिक्षित हो, लेकिन DEO के कार्य व्यवहार ने DEO की कार्यशैली पर कई सवाल खड़ा कर दिया है. 14 अक्टूबर को को गोइलकेरा आगमन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उनकी शिकायत करेंगे. साथ ही सारंडा के बच्चों के भविष्य से कतई खिलवाड़ नही होने देंगे.

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