Chaibasa :- समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि समाज के सभी वर्गों के साथ, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, राष्ट्रीय नागरिक संहिता के अनुसार समान व्यवहार किया जाएगा. जो सभी पर समान रूप से लागू होगा. इसी विषय पर आज नेताजी सुभास विश्विद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.

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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजेंद्र कृष्णन (झारखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष और रंजन मिश्रा (पुलिस प्रशिक्षु और वरिष्ठ अधिवक्ता) शामिल थे. गणमान्य अतिथियों का स्वागत विश्विद्यालय के प्रतिउपकुलपति डॉ. आचार्य ऋषि रंजन और प्रोफेसर राजू भगत ने स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट कर किया. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन ने इस क्षेत्र में अपने विचार साझा किए.

यूनिफार्म सिविल कोड विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और संपत्ति के उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। यह इस आधार पर आधारित है कि आधुनिक सभ्यता में धर्म और कानून के बीच कोई संबंध नहीं है. यूसीसी के डोमेन पर छात्रों के बीच एक प्रतियोगिता हुई जिसमें बीबीए एलएलबी छठे सेमेस्टर की दीया शर्मा को प्रथम स्थान, बीबीए एलएलबी के प्रशांस को दूसरा स्थान और अमित केआर को दूसरा स्थान मिला. एलएलबी के अमित झा को तीसरा स्थान मिला. कार्यक्रम का संचालन प्रो. एकता पी शरण विधि संकाय, डॉ. आजम गौस, सहायक प्रोफेसर। वर्षा सिंह राजपूत, सहायक प्रो. प्रसन्नजीत दास ने किया.

 

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