Chaibasa : पूरे राज्य के अंदर में अपने मानदेय और अपनी मांगों को लेकर सहियाएँ धरना पर बैठी है. विगत 15 दिन से धरने पर बैठी सहियाओं के समर्थन में मंझारी प्रखंड जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने सहियोंओ से मुलाकात की और उनके आंदोलन को जायज बताया.

 

सहियों ने बताया कि वर्ष 2007 से सरकार के स्वास्थ्य संबंधी हर कार्यों में निस्वार्थ भावना से सेवाएं दे रही है, गांव के अंतिम व्यक्ति तक जमीनी स्तर पर उतर कर स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम कर रही है. जिससे समाज में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है. टीकाकरण, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, मलेरिया, टीबी, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, प्लस पोलियो, महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी आदि कार्य करती हैं. कोविड 19 के वैश्विक महामारी में सभी सहियाओें ने जान जोखिम में डालकर अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं देने का काम की. लेकिन इतना काम करने के बाद भी 2000 रुपया मानदेय भी समय पर नहीं मिलता है. इतनी महंगाई में घर परिवार का खर्चा तक नहीं चल पाता है. सभी साहियों को मासिक प्रोत्साहन राशि के रूप में 18000 रुपया मानदेय दिए जाने की जरूरत है.

मंझारी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए सहियाओं के हित उचित नियमावली बनाकर सहियाओ का मासिक मानदेय 18000 रुपया लागू कर, साहियाओं के आकस्मिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपए देने के मांग को जायज बताते हुए आंदोलन को हर मोर्चे पर मदद करने की बात कही. मौके पर ज्योति बालेन बालमुचू, अल्पना बिरुवा, राधिका बिरुवा, मंजिलता कुंकल, सिवनी मारडी, कमल लोहार, फुलेश्वरी बिरुवा, ममता देवी, लक्ष्मी सोरेन, अनामी देवी, रानी हस्सा, काजल देवी आदि सहियां उपस्थित थी.

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