Chaibasa (चाईबासा) : कहते हैं जुर्म कितनी भी चालाकी से किया जाए एक दिन उजागर हो ही जाता है. ऐसा ही एक हत्याकांड का मामला कराईकेला थाना क्षेत्र अंतर्गत 5 वर्ष बाद उजागर हो गया. वर्ष 2020 में अपने बेटे सीताराम बोदरा के अपरहरण करने और हत्या करने की आशंका में कराईकेला थाना मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने काफी खोजबीन की लेकिन सीताराम बोदरा का कुछ पता नही चला. इसी क्रम में संदेह के आधार पर एक अभियुक्त से पूछताछ शुरू किया गया.
इस मामले की जानकारी देते हुए चक्रधरपुर एसडीपीओ शिवम प्रकाश (आईपीएस) ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि कराईकेला थाना कांड वादी नन्दु बोदरा, पिता स्वः पासिंह बोदरा, सा० ग्राम टैटेईपदा थाना कराईकेला, जिला पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के आवेदन के आधार पर वर्ष 2020 में अपने बेटे सिताराम बोदरा के अपरहरण करने और हत्या कारित करने की आशंका के आलोक में कराईकेला थाना कांड सं0- 29/20, दिनांक 20.09.2020 धारा 364/34 भा०६०वि० प्रतिवेदित कराया था.
कांड के अनुसंधान के क्रम में पुलिस दल के द्वारा लगातार छापामारी की जा रही थी. परन्तु कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. इस कांड में लापता अपहृत युवक सिताराम बोदरा के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी थी. कांड में लगातार अनुसंधान करने तथा लापता युवक सिताराम बोदरा को खोजने की भरसक प्रयास किया जा रहा था.
प्रेम प्रसंग में कर दी गई थी हत्या
इसी क्रम में दिनांक 27.06.2025 इस कांड के संदेही सह प्राथमिकी अभियुक्त से सघन एवं तकनिकी साक्ष्य के आलोक में पूछताछ के दौरान इनके द्वारा अपराध में संलिप्ता स्वीकार करते हुए बतलाया की पाँच वर्ष पूर्व अपहृत सीताराम बोदरा का माघे दिग्गी नामक महिला से प्रेम प्रसंग था, जो पातोर होनहागा एवं माचे दिग्गी को स्वीकार नहीं था, इसी क्रम में माघे दिग्गी, पातोर होनहागा एवं अन्य सहयोगी 01. लालो बोदरा उर्फ गोलाराम बोदरा 02. राम बोदरा, रमेश बोदरा, दोनो पश्चिमी सिंहभूम एवं 03. विशाल पूर्ती के द्वारा सिताराम बोदरा को जान से मारकर रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा गया. जिसके पश्चात अपहृत की हत्या कर दी गई थी.
निशानदेही पर जमीन के भीतर एक नरकंकाल बरामद
दिनांक – 27.06.2025 को कांड के घटनास्थल पर प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला झारखंड रॉची की टीम एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चक्रधरपुर के नेतृत्व में निशानदेही के आधार पर राजविजयपुर एवं बेनटांगर के बीच सुनसान कैनाल के किनारे पर विधिवत खुदाई की गई. जहाँ से जमीन के भीतर एक नरकंकाल क्षतिग्रस्त अवस्था में बरामद किया गया. जिसे विधिवत बरामद करते हुए अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है. साथ ही साथ कांड में संलिप्त अन्य अपराधकर्मीयों के विरुद्ध लगातार छापामारी करते हुए राम बोदरा, पातोर होनहागा एवं लालो बोदरा को विधिवत गिरफ्तार करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है.