Chaibasa (चाईबासा) : सदर अस्पताल में थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा खुद अस्पताल पहुंचे और स्वास्थ्य अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली।
सदर अस्पताल चाईबासा पर गंभीर आरोप : 7 साल के मासूम को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला

अस्पताल अधिकारियों से की मुलाकात
श्री कोड़ा ने डीएस डॉ. शिवचरण हांसदा और नवनियुक्त प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. भारती गौरेती मिंज से मुलाकात कर यह जानने का प्रयास किया कि आखिर किन कारणों से बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने कई बार सरकार से आवश्यक मेडिकल सुविधाओं की मांग की थी, लेकिन अब तक पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो सकी है।
ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जब चाईबासा ब्लड बैंक का लाइसेंस वर्षों से नवीनीकृत ही नहीं हुआ है, तो अब तक किस स्तर की जांच प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि ब्लड की त्रिस्तरीय जांच अनिवार्य है, लेकिन अस्पताल में इसकी पूरी तरह कमी है। कोड़ा ने इसे केवल चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही नहीं बल्कि राज्य सरकार की गंभीर उदासीनता भी करार दिया।
स्वास्थ्य मंत्री और सरकार पर हमला
मधु कोड़ा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी केवल बयानबाज़ी में व्यस्त रहते हैं, जबकि अस्पतालों की बुनियादी व्यवस्था बदहाल है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पीड़ित परिवारों को मात्र दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा को अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया।
न्यायिक जांच और इस्तीफे की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि पूरे राज्य के सभी ब्लड बैंकों की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ न्यायिक जांच कर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इस लापरवाही की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

