Chaibasa :- झारखण्ड सरकार ने खातियान आधारित स्थानीय नीति में 1963-64 खातियान को शामिल करने का आदिवासी हो समाज स्वागत करती है. ये एक सरकारी दस्तावेज है, इसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उपरोक्त बातें मुकेश बिरुवा, पूर्व महासचिव आदिवासी हो समाज महासभा ने कही.
उन्होंने कहा कि एक और सुझाव था कि जिसका खातियान है उसे स्थाई प्रमाण पत्र और बाक़ी को स्थानीय प्रमाण पत्र का विकल्प दिया जाए. केंद्र को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव जरुर भेजा जाए. लेकिन इसे राज्य सरकार के आदेश से ही लागु करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया जाए.