Adityapur: आदित्यपुर स्थित श्रीनथ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी महोत्सव का समापन गुरुवार देर शाम रंगारंग कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ संपन्न हुआ.
तीसरे और अंतिम दिन हिंदी महोत्सव में आयोजित 22 प्रतियोगिताओं में से 7 प्रतियोगिता पर श्रीनाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने कब्जा जमाया. इससे पूर्व समापन समारोह की शुरुआत हिंदी भाषा: नई चुनौतियां विषय के साथ शुरू हुई जिसमें वक्ता के रूप में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ चंद्रकला त्रिपाठी एवं एनआईएफटी भुवनेश्वर के निदेशक डॉ राजेश झा मौजूद रहे. कार्यक्रम में हिंदी भाषा नई चुनौतियां विषय पर एनआईएफटी भुवनेश्वर के निदेशक डॉ राजेश कुमार झा ने कहा कि एक बार अंग्रेजी अगर मनुष्य के भीतर प्रवेश कर जाए तो उसे निकालना बड़ा मुश्किल है. लेकिन हिंदी एक ऐसी समृद्ध भाषा है जिसकी तुलना भाषाओं से नहीं की जा सकती. डॉ. चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा हिंदी पूरे भारत में आज सबसे अधिक स्वीकृत भाषा है आप अपने दिमाग से निकाल दीजिए कि आपके वाक्य में अंग्रेजी क्यों आ रहा है अंग्रेजी पर किसी का एकाधिकार नहीं है हिंदी भाषा का एक अपना लंबा इतिहास है संस्कृत से तमिल, कोंकणी,मराठी जैसी भाषाएं निकली है। एक समय था जब पाली और प्राकृत में साहित्य लिखा जाता था। महोत्सव के समापन समारोह में संस्थापक शंभू महतो, संध्या महतो , सचिव गुरुदेव महतो, प्रबंधन सदस्य अनीता महतो , मौमिता महतो , वरिष्ठ सलाहकार कौशिक मिश्रा एवं विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधि तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।