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    Jharkhand

    Kharsawan Chief Minister Tribute:खरसावां शहीद स्थल पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शहीदों को किया नमन, कहा डबल इंजन की सरकार ने आदिवासियों को दबाने का किया प्रयास

    By 01/01/2024Updated:01/01/2024No Comments3 Mins Read
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    सरायकेला: 1 जनवरी 1948 खरसावां गोलीकांड में शहीदों को श्रद्धांजलि देने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खरसावां शहीद स्थल पहुंचे, चाक -चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद बेदी पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री शहीद स्मारक की परिक्रमा कर शहीदों को नमन.

    इसे भी पढ़े:-

    सरायकेला: मानकी मुंडा संघ की हुई बैठक,खरसावां शहीद स्थल पर विधिपूर्वक देंगे श्रद्धांजलि

    खरसावां शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित जनसभा को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित किया, जहां मुख्यमंत्री ने भाजपा के डबल इंजन की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इसी पवित्र शहीद स्थल पर पिछले सरकार के मुखिया ने शहीदों का अपमान किया था, जिसका नतीजा सबों ने देखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने आदिवासी मूलवासीयो को दबाने, कुचलना का प्रयास किया. पत्थलगाडी जैसे मुद्दों पर आदिवासी समाज को लगातार अस्थिर करने का प्रयास किया गया, राज्य में अराजकता का माहौल स्थापित हुआ, जिसका नतीजा रहा कि स्थानीय आदिवासी मूलवासियों ने पिछली सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया, झारखंड अलग गठन हुए 19 सालों तक आदिवासियों का दमन और शोषण हुआ, आदिवासी को वनवाशी की संज्ञा दी जाती रही, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की हमारे ही समाज के कुछ सोरेन, मुंडा, बोदरा, बिरुवा, आदिवासी हक की तो बात करते हैं लेकिन वह अपने आका के हुकुम के गुलाम है.

     

    खरसांवाका शहीद स्थल आदिवासियों के लिए बना प्रेरणा स्थल

     

     

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा की 1 जनवरी को जहां पूरा देश नव वर्ष की खुशियां मनाता है, वहीं खरसावां के लोग इस पवित्र धरती पर पहुंचकर शहीदों को नमन करते हैं, आज खरसावां का यह सही स्थल आदिवासियों के लिए प्रेरणास्थल बन चुका है, सदियों से आदिवासी समाज का संघर्ष का इतिहास रहा है, इसी संघर्ष के बदौलत आदिवासियों ने पहचान बनाई है, आदिवासी समुदाय के लोग आर्थिक ,सामाजिक, बौद्धिक स्तर पर विकसित नहीं हो सके ,इसका नतीजा नीति निर्धारण करने वालों की उपेक्षा रही है, लेकिन अब सरकार पहल कर रही है, इस मौके पर मौजूद झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की झारखंड अलग राज्य आंदोलन की शुरुआत इसी खरसांवा के पवित्र धरती से हुई थी, इसी पवित्र स्थल से शुरू हुए आंदोलन के चलते झारखंड अलग राज्य का आंदोलन भी सफल हो सका है, वही खरसावां के विधायक दशरथ गागराई ने भी जनसभा को संबोधित किया,इस मौके पर मुख्य रूप से मंत्री जोबा मांझी, विधायक दीपक बिरवा, सुखराम उरांव, समेत झामुमों के पार्टी पदाधिकारी और नजन उपस्थित थे.

    http://सरायकेला: मानकी मुंडा संघ की हुई बैठक,खरसावां शहीद स्थल पर विधिपूर्वक देंगे श्रद्धांजलि

    Champai Soren minister Hemant Soren CM jharkhand jharkhand news Kharsawan news शहीद स्थल
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