Chaibasa :- चाईबासा:- वर्ष 2007 में जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र अंतर्गत मंदिर की चारदीवारी निर्माण में शुरू हुए विवाद में आरोपी बने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत 20 लोगों को चाईबासा के एमपी एमएलए कोर्ट में न्यायाधीश ऋषि कुमार ने साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया गया। अदालत में इस मामले में चली गवाही के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज विशेष अदालत ने अपने फैसले में साक्ष्य के अभाव में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ साथ आरोपी बनाए गए सभी नेताओं को बाइज्जत बरी करने का फैसला सुनाया.
बाईज्जत बारी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मंदिर चहारदीवारी के विवाद के झूठे मामले में हमें फंसाया गया था तभी से यह मामला चल रहा था. न्यायालय ने फैसला करते हुए सभी को बारी कर दिया है. इस फैसले में व्यक्ति की जीत नही बल्कि सत्य की जीत हुई है.
ये थे आरोपी:- इस मामले में रघुवर दास के साथ राजकुमार सिंह, कुलवंत सिंह बंटी, विनोद सिंह, देवेंद्र सिंह, रामबाबू तिवारी, राजहंस तिवारी, मुकुल मिश्रा, विकास सिंह, नंदजी प्रसाद, राजीव नंदन सिंह, अजीत सिंह, ललन द्विवेदी, देवानंद झा, सुबोध श्रीवास्तव, बटेश्वर पांडेय, सुधांशु ओझा, उमेश सिंह, भुवनेश्वर सिंह, राजकुमार राय तथा राजेश सिंह को आरोपी बनाया गया था.
क्या था मामला:- यह मामला 24 अप्रैल 2007 का है. कदमा थाना पुलिस ने मंदिर की चहारदीवारी विवाद प्रकरण में भाजपा कदमा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष सुधांशु ओझा, उमेश सिंह, भुवनेश्वर सिंह, राजेश सिंह राजकुमार राय को हाजत में बंद कर दिया था. उसी दिन शाम 6.15 बजे रघुवर दास अपने कार्यकर्ताओं के साथ कदमा थाना से पांचों आरोपियों को ले गये. इस घटना को लेकर उनके खिलाफ कदमा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी.