Saraikela :- झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने आदिवासियों के साथ धोखा किया आदिवासी के नाम पर सत्ता चलाने वाले हेमंत सोरेन ने ना आदिवासी हित की रक्षा कर पा रहे हैं और ना आदिवासियों को बचा पा रहे हैं. उक्त बातें भाजपा नेता रमेश हांसदा ने आदित्यपुर इमली चौक भाजपा कार्यालय में संवादाता सम्मेलन के माध्यम में कहीं.
रमेश हंसदा ने कहा कि झारखंड काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर में संताली ओल चिकी लिपि से प्राथमिक स्तर की किताबें छापने को खारिज कर दिया. अब झारखंड में देवनागरी से बच्चे से पड़ेंगे. झारखंड के तमाम बुद्धिजीवियों ने हेमन्त सोरेन से कई बार गुहार लगाया की संताली भाषा के संताली भाषा को ओलचिकी से ही किताबे छापा जाए. क्योंकि आठवीं अनुसूची में शामिल संताली भाषा केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार, उड़ीसा सरकार और आसाम की सरकार ने भी मान्यता दी.
लेकिन दुर्भाग्य झारखंड मुक्ति मोर्चा का संथाल समुदाय वोट बैंक होने के बावजूद ईसाई मिशनरियों के दबाव में ओलचिकी को हेमंत सोरेन डर किनार कर दिया. इस मामले पर झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन भी चुप्पी साधे हुए हैं. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. झारखंड के बुद्धिजीवी लोग ठगे महसूस कर रहे हैं.
दूसरी और आज आदिवासियों की निर्मम हत्या कर दी जा रही है मुख्य्मंत्री चुप्पी साधे हुए. बोकारो में सनत संथाल का सचिव की हत्या हो जाती है. अपने जमीन को बचाने का गुहार लगाने के बाद भी जमीन माफिया आदिवासी की हत्या कर दिये. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सत्ता में बने रहने का अब कोई अधिकार नहीं बनता है. आदिवासियों को इन्होंने बेवकूफ बनाया और भावना भड़का करके सत्ता अपनाया. लेकिन आज आदिवासियों की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है.
भाजपा नेता रमेश हंसदा संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर झारखंड सरायकेला खरसावां जिला में खाद्यान्न आपूर्ति में बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि उसने जो खाद आयोग में जो मामला दर्ज किया था. इस प्रेस वार्ता में बिशु महतो, महाजन साव,बिजेश राव, केदार जायसवाल, पवन कुमार महतो आदि मौजूद थे.