Saraikela :- सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में सत्र 2022-2023 माध्यमिक परीक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दस भैया- बहनों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि जितेंद्र सिन्हा जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला खरसावां ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किए.
इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों और उपस्थित पत्रकार बंधुओं को अंग वस्त्र देकर विद्यालय की ओर से सम्मानित किया गया. विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य ने बच्चों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि विद्यालय को इस समय बहुत ही बेसब्री के साथ इंतजार रहता है कि हमारे बच्चे उत्कृष्ट से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय का नाम रोशन करें. विद्यालय के लिए गौरव की बात है कि विद्यालय का कोई भैया-बहन जिले और राज्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं. इस सफलता में माता-पिता और गुरु जी का विशेष योगदान रहता है. माता पिता और गुरु बच्चों को सबसे ऊंचा स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष रमानाथ आचार्य जी ने कहा कि बच्चों के शैक्षणिक विकास में माता पिता के अमूल्य योगदान को नहीं भुलाया जा सकता. शिक्षा हमें सामर्थवान बनाने के साथ-साथ कर्तव्य का बोध प्रदान करती है. जिससे हम समाज में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में अपना कर्तव्य करते हैं. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हमारे विद्यालय में माध्यमिक परीक्षा फल शत-प्रतिशत रहा है और इसके लिए सभी बच्चों के साथ आचार्य-दीदी जी और उनके अभिभावक धन्यवाद के पात्र हैं.
ये हुए सम्मानित :- तत्पश्चात माध्यमिक परीक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दस भैया बहनों को मुख्य अतिथि जितेंद्र सिन्हा जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला खरसावां के हाथों स्मृति चिन्ह तथा अभिभावकों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वालों में रश्मिता पति, वर्षा सिंह, राज प्रधान, ममता कुमारी मुंडा, देवाशीष मिश्र, मुकुंद बिहारी महतो, सक्षम पणिहारी, सुप्रिया सिंह मोदक, शुभम कुमार पति और कुंदन कुमार महतो शामिल हैं.
रश्मिता पति ने जिले में प्रथम और राज्य में दसवां स्थान हासिल किया है, जबकि वर्षा सिंह ने जिले में तृतीय स्थान हासिल किया है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेंद्र सिन्हा ने बच्चों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि विद्यालय से जो संस्कार आप सभी बच्चों को दिया जाता है. उसे बनाए रखना आप लोगों की अपनी जिम्मेदारी है. कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपने हौसले को बुलंद रखते हुए परिस्थितियों से लड़कर और मुकाबला करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए. माता-पिता का भी कर्तव्य होगा कि बच्चों को प्रोत्साहित कर उनका मनोबल बढ़ाएं और उनके लक्ष्य को पूरा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.
जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रश्मिता पति ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आगे चलकर एक चिकित्सक बनना चाहती हूं. ताकि दीन-दुखी लोगों की सेवा कर सकूं. विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के कोषाध्यक्ष प्रसाद महतो ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किए. मंच संचालन उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति जी ने किया. शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.