Chaibasa : कोल्हान भूमि बचाओ समिति की शिकायत पर रविवार को बोरिया के विधायक एवं अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यंक व पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष लोबिन हेंब्रम ने सरकारी अधिकारियों के साथ नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज में जाकर अवैध कब्जे का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ सदर एसडीओ सचिंद्र बड़ाईक, सदर अंचलाधिकारी गोपीनाथ उरांव समेत अन्य कर्मचारी थे.
विधायक एवं अधिकारियों की यह टीम सुबह करीब दस बजे इंडस्ट्रीज में प्रवेश किया. साथ में समिति के सारे अध्यक्ष व सदस्य भी थे. टीम ने इंडस्ट्रीज के अंदर घूम घूमकर अवैध कब्जेवाली जमीन (प्लॉट) को देखा और पीड़ितों से संपूर्ण जानकारी ली. साथ ही एसडीओ तथा सीओ ने भी स्थल जांच की. विनोद सावैयां ने अवैध कब्जेवाली जमीनें एवं उसका खतियान भी दिखाया.
भौतिक जांच के बाद विधायक एवं अधिकारियों ने माना कि कोल्हान भूमि बचाओ समिति की शिकायत सही है और मामला भूमि वापसी का है. दरअसल समिति ने विधायक लोबिन हेंब्रम से शिकायत की थी कि मतकमहातु के चार आदिवासियों की कुल आठ एकड़ रैयती जमीन पर गैर आदिवासी उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया का अवैध कब्जा है. निरीक्षण के दौरान लोबिन हेंब्रम तथा अधिकारियों ने कहा कि यह मामला भूमि वापसी का है. पीड़ितों की शिकायत सही है. इस जमीन पर अवैध कब्जा है. सीओ गोपीनाथ उरांव ने भी कहा कि यह अवैध कब्जे का मामला है. पीड़ितों को एसएआर कोर्ट के मध्यम से जमीन वापसी संभव है. एसएआर कोर्ट जाकर जमीन वापस लेने की उन्होंने सलाह दी. विनोद सावैयां ने कहा कि पीड़ित डीबर देवगम के पिता मोरन सिंह देवगम जमीन की लड़ाई-लड़ते मर गये. लेकिन न्याय नहीं मिला. करीब चालीस वर्षों से इस जमीन पर बनवारी लाल नेवटिया का अवैध कब्जा है.
क्या है पूरा मामला
पीड़ितों का कहना है कि टुंगरी निवासी उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया ने करीब चालीस साल पहले हमारे दादा-परदादा से कुल आठ एकड़ जमीन क्रशर प्लांट स्थापित करने के लिये लीज पर लिया था. यह जमीन मतकमहातु के टुंगरी में स्थित है. नेवटिया ने इस पर नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज नामक क्रशर प्लांट लगाया. करीब चालीस वर्षों तक प्लांट चला. कुछ वर्ष पहले यह प्लांट बंद हुआ. लेकिन इसके बावजूद जमीन वापस नहीं की जा रही है. जबकि नियमत: वापस होना चाहिये था. ऐसा न होकर उल्टे जमीन की चहारदीवारी से घेराबंदी नेवटिया ने करवा दी थी. इसकी शिकायत सदर सीओ से लेकर उपायुक्त, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधायक दशरथ गागराई आदि से भी शिकायत की गयी थी. लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के बल पर नेवटिया का कब्जा आजतक कायम है.
इन ग्रामीणों की जमीनों पर है अवैध कब्जा
मतकमहातु के जिन ग्रामीणों की जमीन पर अवैध कब्जा है उनमें रैयत डीबर देवगम, पिता मोरन सिंह देवगम, भगवान देवगम पिता सेड़ेगा देवगम, विजय देवगम पिता सेड़ेगा देवगम, चाहत देवगम पिताज प्रधान देवगम तथा घनश्याम देवगम पिता सामू देवगम का नाम शामिल हैं. पीड़ितों का कहना है कि नेवटिया के कब्जे में उनकी कुल आठ एकड़ जमीन है. हमारी एक पीढ़ी तो जमीन की लड़ाई में ही खप गयी. लेकिन न्याय नहीं मिला। आशा है अब न्याय मिलेगा.
आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जा दुर्भाग्यपूर्ण : लोबिन हेंब्रम
बोरिया के विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि अदिवासियों की सीएनटी जमीन पर लंबे समय से अवैध कब्जा दुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़ितों को हरहाल में न्याय मिलना चाहिये. भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है. इस पर संबंधित अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है. झारखंड में अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी. लोबिन हेंब्रम ने कहा कि मैं फिर आऊंगा और इस मामले को देखूंगा.
जब तक जमीन नहीं मिलेगी लड़ाई जारी रहेगी : विनोद सावैयां
कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि इन पीड़ितों को जबतक जमीन वापस नहीं मिलेगी, हमारी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि चाईबासा के आसपास एसटी जमीन पर अवैध कब्जे का खेल भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है. लेकिन जिले के अधिकारी शिकायत के बाद भी मूकदर्शक बने हुए हैं.
तीस साल पूर्व नेवटिया के खिलाफ कोर्ट में पहुंचा था केस –
पीड़ितों ने बताया कि करीब तीस पहले बनवारी लाल नेवटिया के अवैध कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिये जमीनदाता मोरन सिंह देवगम तथा सामू देवगम ने एडीशनल डिप्टी कमिश्नर सिंहभूम की कोर्ट में नेवटिया के खिलाफ जमीन हड़प लेने की शिकायतवाद दर्ज करवायी थी. केस पर सुनवाई भी शुरू हो गयी थी. लेकिन दुर्भाग्य से केस में डिग्री होने के पहले ही दोनों की असामयिक मृत्यु हो गयी. फिर जमीन की लड़ाई रुक गयी. लेकिन कई वर्ष बाद अब जब उनके वंशज बड़े हुए तो उन्होंने एकजुट होकर फिर जमीन की लड़ाई छेड़ दी. ये वंशज न्याय की मांग पर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना भी दे चुके हैं. भूमि सुधार विभाग झारखंड सरकार से भी शिकायत की जा चुकी है. इस मामले को खरसावां के विधायक दशरथ गागराई भी झारखंड विधानसभा में उठा चुके हैं.
इस मौके पर अजीत पुरती, हेलेन देवगम, नारायण कुदादा, सेलाय सुंडी, नरसंडा पंचायत के मुंडा श्रीराम सुंडी, भगवान देवगम, चाहत देवगम, परेश देवगम, बाबू देवगम, सुखलाल सावैयां, विजय देवगम, डीबर देवगम, बबलू सावैयां, डैनी देवगम समेत मतकमहातु तथा आयता गांव के ग्रामीण भी मौजूद थे.