Adityapur: झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदित्यपुर नगर निगम को लेकर महापौर पद के लिए जारी किए गए आरक्षण रोस्टर पर पूर्व वार्ड पार्षद सह डिप्टी मेयर प्रत्याशी अंबुज कुमार ने सवाल खड़े किए हैं।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अंबुज कुमार ने बताया है कि झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर पद के लिए जो आरक्षण रोस्टर जारी किया है व न्याय संगत नहीं है. इन्होंने बताया है कि आरक्षण रोस्टर की अधिसूचना झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा 27 का उल्लंघन दर्शाता है. उन्होंने बताया कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 27 के अंतर्गत स्पष्ट प्रावधान है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति तथा महिलाओं के लिए पदों के आरक्षण के प्रयोजननार्थ चक्र अनुक्रम सिद्धांत इस अधिनियम के लागू होने के पश्चात हुए प्रथम निर्वाचन से प्रारंभ होगा एवं इसकी समीक्षा राज्य सरकार प्रत्येक 10 वर्ष पर कर सकती है. झारखंड राज्य में नगरपालिका अधिनियम वर्ष 2011 में लागू हुआ है और उसके बाद प्रथम निर्वाचन 2013 में हुआ था 2013 में आदित्यपुर नगर निगम महापौर के पद को एस टी महिला के लिए आरक्षित किया गया था. उस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2018 में जो समीक्षा हुई थी. वह भी अवैध था परंतु किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया विदित रहे कि वर्ष 2018 के नगर निगम चुनाव में राज्य सरकार ने महापौर के पद हेतु आरक्षण रोस्टर की समीक्षा करते हुए आदित्यपुर नगर निगम महापौर के पद को सामान्य घोषित किया था. जिसके हिसाब से 2022 से 2027 की जो अवधि है उस अवधि तक महापौर के पद पर सामान्य अभ्यर्थियों को ही नियम संगत ढंग से चुनाव लड़ने हेतु विधि द्वारा मान्यता मिलनी चाहिए थी.