Chaibasa:- पश्चिमी सिंहभूम जिला के खूंटपानी प्रखंड के अंचल निरीक्षक (सीआई) हरीश चंद्र पात्रो को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ दबोचा है। हरीश चंद्र पात्रो मूल रूप से मंझारी थाना क्षेत्र के रोलाडीह का रहने वाला है।
वर्तमान में चाईबासा के महुलसाई में अपना आवास बनाकर रह रहा है। उसने खूंटपानी के गोंटाई निवासी मधुसूदन हाईबुरू से जमीन का दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के लिए 10 हजार रुपये घूस मांगी थी। मधुसूदन ने इसकी शिकायत एसीबी से की थी। एसीबी ने शनिवार को योजनाबद्ध तरीके से मधुसूदन को एक विशेष प्रकार का रसायन लगे नोटों के साथ अंचल निरीक्षक हरीश के पास भेजा। मधुसूदन ने महुलसाई स्थित सीआई के आवास पर पहुंचकर जैसे ही घूस की रकम दी, वैसे ही पीछे से एसीबी के अधिकारी पहुंच गये। उन्होंने सीआई हरीश को नकद राशि के साथ पकड़ लिया। इसके बाद सीआई के घर की तलाशी ली गयी। तलाशी में कुछ नहीं मिला। एसीबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सीआई हरीश चंद्र को अपने साथ जमशेदपुर ले गयी है। यहां बता दें कि 15 दिन के भीतर एसीबी ने चाईबासा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में दूसरी बार कार्रवाई की है। 26 मई को मनेाहरपुर में वन विभाग के रेंजर को करीब 1 करोड़ रुपये की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया था।
तीन साल की नौकरी थी बची, लालच में पहुंच गया जेल
एसीबी के हाथों 10 हजार रुपये घूस की रकम के साथ दबोचा गया हरीश चंद्र पात्रो खूंटपानी अंचल कार्यालय में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। वर्तमान में उसे अंचल निरीक्षक का भी प्रभार दिया गया है। उसकी अभी तीनन साल की नौकरी बची थी मगर इससे पहले ही काली कमाई के चक्कर में नौकरी गंवाने के साथ-साथ अब जेल भी जाना पड़ा है।
सीआई बोलता था, 10 हजार रुपये दोगे, तभी करेंगे जमीन का दाखिल-खारिज
खूंटपानी प्रखंड के गोटाई गांव निवासी मधुसूदन हाईबुरू ने बताया कि उसका बड़ा भाई अजय कुमार हाईबुरू ने माटकोबेड़ा गांव में 15.25 डेसिमल जमीन खरीदी है। जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है। रजिस्ट्रेशन के बाद जमीन का दाखिल-खारिज के लिए 4 अप्रैल 2022 को आनलाइन आवेदन दिया था। आवेदन देने के कुछ दिनों बाद खूंटपानी अंचलाधिकारी के कार्यालय आकर वस्तुस्थिति का पता किया। उसी दौरान अंचलाधिकारी कार्यालय के सीआई हरीश चंद्र से मुलाकात हुई। उसने हरीश से आनलाइन म्यूटेशन के संबंध में पूछताछ की। तब हरीश ने उसे बताया कि इस म्यूटेशन के लिए 10 हजार रुपये देने पड़ेंगे, तभी म्यूटेशन हो पायेगा। इस दौरान मधुसूदन ने सीआई से काफी अनुरोध किया मगर सीआई ने कहा कि 10 हजार रुपये देने होंगे, तभी काम होगा। वो जायज काम के लिए घूस देना नहीं चाहता था इसलिए एसीबी में शिकायत कर दी। फलस्वरूप शनिवार को एसीबी ने सीआई हरीश को रंगे हाथ धर दबोचा।