Adityapur: आदिवासियों के प्रकृति से जुड़े बाहा पर्व का आयोजन सोमवार को आदित्यपुर सालडीह बस्ती सारना टोला में आयोजित किया गया। जिसे बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर शामिल हुए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झामुमों नेता सह सरायकेला विधानसभा के प्रत्याशी गणेश महाली, झामुमों केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के शामिल रहे। सम्मानित अतिथियों में झामुमों युवा नेता रबिन्द्र बास्के, पूर्व पार्षद बरजो राम हांसदा, राम हांसदा मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गणेश महाली ने कहा कि इस प्रकृति पर्व में हमें जाहेरगढ़ से पूजा पाठ कर प्रकृति से जुड़ने का संदेश मिलता है। इन्होंने कहा कि झारखंड के गौरवशाली इतिहास में जाहेरथान में शीश झुकाकर ही हमें एक शक्ति और प्रेरणा मिलती है। जिससे हम सामाजिक एकता बनाए रखना का काम करते हैं। गणेश महाली ने कहा कि आज गौरवशाली आदिवासी परंपरा गांव से लेकर शहरों में प्रचलित है। इस प्रकार के आयोजन से आदिवासी सभ्यता संस्कृति का निरंतर प्रसार हो रहा है।


प्रकृति देवता की आराधना कर नए काम की करते हैं शुरुआत: कृष्णा बास्के
बाहा पर्व कार्यक्रम में मौजूद झामुमों केंद्रीय सदस्य कृष्ण बास्के ने कहा कि बाहा पर्व आदिवासी समुदाय का महत्वपूर्ण पर्व है। हम प्रकृति देव की आराधना कर हर एक नए कार्य की शुरुआत करते हैं। इस पर्व में आदिवासी समुदाय के लोग नए फल -फूल देवता को अर्पित कर उनकी अनुमति लेते हैं. आदिवासी समुदाय का महापर्व से गहरा लगाव है। कार्यक्रम के दौरान आदिवासी महिला पुरुषों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई कार्यक्रम आयोजन में नायके बाबा मधु टुडू , माझी बाबा मिर्जा सोरेन, गोपाल हेम्ब्रम, जोगा माँझी, होपन मार्डी, संरक्षक, राजेश बेसरा, बेटा हेम्ब्रम, राजा टुडू, विशाल गोप,कुचाई टुडू समेत अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई।