Chaibasa (चाईबासा) : सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के मुद्दे पर आदिवासी मूलवासी समुदाय के संघर्ष को कमजोर करने का आरोप भाजपा पर लगाया गया है। कोल्हान–पोड़ाहाट ‘सारंडा बचाओ समिति’ के महासचिव बुधराम लागुरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा नेताओं का दोहरा रवैया साबित करता है कि वे आदिवासी मूलवासियों के साथ नहीं, बल्कि उद्योगपति गौतम अडानी के हित में काम कर रहे हैं।
“भाजपा जनता की नहीं, गौतम अडानी के लिए काम कर रही है” — लागुरी
16 नवंबर को प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी से संबंधित ज्ञापन मंडल रेल प्रबंधक, चक्रधरपुर को सौंपने के बाद श्री लागुरी ने कहा कि भाजपा को स्पष्ट करना होगा कि वे सारंडा के आदिवासी मूलवासियों के पक्ष में हैं या अडानी के।
उन्होंने कहा—
“सारंडा मामला राज्य सरकार से नहीं, सुप्रीम कोर्ट से आया है। फिर भी भाजपा नेत्री गीता कोड़ा जनता को गुमराह कर रही हैं। उन्हें बताना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पहले आया या राज्य सरकार का कैबिनेट निर्णय।”
गीता कोड़ा पर अनर्गल बयानबाजी का आरोप
लागुरी ने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद गीता कोड़ा सारंडा सेंचुरी के मुद्दे पर आदिवासी मूलवासियों के संघर्ष को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीमती कोड़ा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे आर्थिक नाकेबंदी और आंदोलन का समर्थन करती हैं या नहीं।
16 नवंबर को सारंडा में एक दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी
आर्थिक नाकेबंदी को लेकर सारंडा बचाओ समिति ने बताया कि—
- नोवामुंडी रेलवे स्टेशन
- मनोहरपुर रेलवे फाटक (थाना: मनोहरपुर)
में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रेलवे और सड़क मार्ग को शांतिपूर्ण तरीके से अवरुद्ध किया जाएगा।
समिति ने इसके लिए लिखित सूचना मंडल रेल प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, तथा संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों को दे दी है।
भाजपा नेताओं पर आंदोलन से दूरी बनाने का आरोप
लागुरी ने कहा कि सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के मुद्दे पर चाईबासा में हुए धरना-प्रदर्शन से भाजपा नेताओं ने दूरी बनाई, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और गीता कोड़ा ने सेंचुरी बनाने का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि झामुमो द्वारा आर्थिक नाकेबंदी को नैतिक समर्थन देने के बाद भाजपा बौखला गई है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान उपस्थित लोग
ज्ञापन सौंपने के दौरान कई संगठन एवं राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे—
भुवनेश्वर महतो, दीपक प्रधान, कृष्णा टोपनो, विश्वनाथ बाड़ा, वाशिम, साईन कालटेन, पंकज पांडेय, मुन्ना सुंडी, बामिया माझी, लागुड़ा देवगम, कुशु देवगम, बुधराम सिद्धू और सन्नी एंथोनी।
http://सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के विरोध में चाईबासा में आदिवासियों की विशाल जन आक्रोश रैली


