Chandil: ईचागढ़ विधानसभा सीट से आजसू प्रत्याशी हरेलाल के खिलाफ उसकी पत्नी रीना महतो ने ही बगावत कर दी है. उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा है. इस बगावत से एनडीए गठबंधन घर में ही बिखर गई है.
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एनडीए गठबंधन की ओर से आजसू पार्टी के हरेलाल महतो को टिकट दिया गया है, लेकिन हरेलाल की पत्नी रीना महतो ने इसी सीट से अपना निर्दलीय प्रत्याशी को रूप में नामांकन कर दिया है. इससे यह साफ हो गया है कि रीना महतो ने अपने पति हरेलाल महतो के खिलाफ बगावत कर दी है. पूरे विधानसभा में सिर्फ इसी बात पर चर्चा हो रही है कि क्या एनडीए गठबंधन के साथ छल किया गया है और बिखर गया है. जब हरेलाल ने अपना नामांकन कर ही दिया तब उसकी पत्नी को नामांकन करने की क्या जरूरत थी.
बिखराव पर एनडीए गठबंधन
अब सवाल यह उठी रही है कि अगर हरेलाल महतो का नामांकन रद्द हो जाता है तो क्या ईचागढ़ विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ता अपना वोट रीना महतो को देंगे या किसी और को? यह सवाल वहां की जनता एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेताओं से पूछना चाहती है. इस बात की भी चर्चा हो रही है कि हो सकता है कि हरेलाल महतो का नामांकन रद्द हो जाए. तब एनडीए गठबंधन क्या करेगी.
बड़े-बड़े पोस्टर में भी नजर आ रही है रीना महतो
रीना महतो ने नामांकन करने के साथ ही बड़े-बड़े पोस्टर भी बनवा रखी है और उसे नामांकन के दिन जगह-जगह पर लगाया भी गया था. उन पोस्टर में आजसू का चुनाव चिन्ह केला छाप को आसानी से देखा जा रहा था. साथ में आजसू नेता सुदेश महतो की भी तस्वीर लगी हुई थी. इसी पोस्टर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ अबुल कलाम आजाद की भी तस्वीर लगी हुई थी.
खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं ईचागढ़ के भाजपाई
एनडीए गठंधन की ओर से भाजपा के खाते में ईचागढ़ की सीट देने की बजाए आजसू को दिए जाने के बाद ईचागढ़ के भाजपाई अब खुद को ठगा सा महसूस करने लगे हैं. उन्हें लगने लगा है कि उनके साथ छल किया गया है. भाजपा के वरीय नेताओं को अंधेरे में रखकर आजसू की ओर से धोखेबाजी की गई है. अगर छल नहीं किया गया है तब पति और पत्नी दोनों कैसे चुनावी मैदान में खड़े हैं? इस सवाल का जवाब ईचागढ़ विधानसभा के भाजपाई शीर्ष नेताओं से मांग रहे हैं.