तांतनगर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय उलीडीह में विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार को सेवानिवृत्ति के बाद विदाई दी गई। शिक्षक, स्कूली बच्चों समेत अभिभावक व ग्रामीणों ने आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार मंदल नगाड़े की धुन पर नाचते गाते विदा किए। अंत में सभी के आंखें नम हो गई । मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बीईईओ देव शंकर महापात्रा एवं विभिन्न विद्यालय से आए शिक्षकों ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ एवं स्वच्छ छवि का शिक्षक बताया। बीईइओ ने कहा कि सुरेंद्र कुमार बहुमुखी प्रतिभा एवं व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं। सिखाने की अधिगम प्रक्रिया को बच्चों के बीच विषय वस्तु के साथ हमेशा सरल और तकनीकी रूप से प्रस्तुत करते रहे हैं। विद्यालय की सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यक्तित्व विकास के सहयोगात्मक क्रियाकलापों में सक्रिय भूमिका रही है। सीआरपी तरुण गोप ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र से जुड़े रह कर सरल मृदुभाषी व्यवहार के साथ लोगों के बीच अपनी सादगी पूर्ण जीवन के लिए अलग पहचान बनाई है। उनका उच्च एवं आदर्श विचार तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहार लोगों को प्रभावित करता रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के बीच पिता तुल्य सहयोगात्मक अधिगम को प्रदर्शित करते रहे हैं। अध्यापन में हमेशा बच्चों की आने वाली व्यवहारिक एवं सैद्धांतिक समस्याओं का सहजता के साथ समाधान करते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण हेंब्रम ने कहा कि सेवानिवृत्ति एक सरकारी प्रक्रिया है, जो सभी सरकारी कर्मी के साथ लागू होती है। विद्यालय की शिक्षिका रीता लकड़ा कहा कि विद्यालय में सुरेंद्र कुमार की कमी खलेगी। परंतु इनके साथ जितने दिन भी मैंने कार्य किया बहुत कुछ इनसे सीखने का मौका मिला। शिक्षक निमिया सुरीन ने कहा कि यह मेरे बड़े भाई के समान अभिभावक तुल्य हैं। विदाई समारोह में सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार को विद्यालय परिवार समेत अन्य शिक्षक एवं विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी ओर से उपहार स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया। वहीं प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार ने अपने शैक्षिक जीवन के बिताए पलों को स्मरण करते हुए कहा कि यह पल मेरे लिए अमूल्य है। बच्चों, पालकों और शिक्षकों के बीच बताएं पल मुझे जीवन पर्यंत याद रहेंगे। मौके पर बीपीओ जयपाल जामुदा, बीआरपी रमेंद्र कुमार, सूरज विश्वकर्मा, विपिन बिहारी नाग, विद्यालय के अध्यक्ष हरि शंकर गोप, शिक्षक शिव शंकर सांडिल, दीपक कुमार गोप, अरविंद कुमार पान, मित्रसेन सुंडी, दिनेश सवैया, जॉन विक्टर डीक्रूज़, जय किशन कुमार, राजेंद्र प्रसाद, संयोजिका सोमवारी सावैया, शुरूवाली सवैया, विमला कुई, इंदु कुमारी पान, सुमति सिंकु, बिनोती कुमारी सुमित काफी संख्या में अभिभावक एवं ग्रामीण मौजूद रहे।