नौ हजार छात्र-छात्राओं के परीक्षार्थियों के साथ अभिभावकों को मिलकार 18 हजार लोगों के जुटाने की संभावना
डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा 28 से, काउंसिल ने नामकुम के वाइबीएन यूनिवर्सिटी को फिर बनाया सेंटर
Jamshedpur :- 44 डिग्री तापमान में झुलसा रही भीषण गर्मी में झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के एक फरमान ने राज्य के विभिन्न जिलों में रहने वाले नौ हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. काउंसिल ने डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा तिथि 28 मई जारी की है. जिसका परीक्षा केंद्र रांची से दूर नामकुम के सुदूर गांव में स्थिति वाईबीएन यूनिवर्सिटी में बनाया गया है. पिछले साल भी इसी सेंटर पर परीक्षा का आयोजन किया गया था. इसे लेकर छात्र-छात्राओं और अभिभावकों का कड़वा अनुभव रहा है. यहां वीराने में न गर्मी व आंधी-तूफान से बचाव का कोई इंतजाम है न ही खाने-पीने की व्यवस्था. फार्मेसी के छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को त्राहिमाम पत्र भेजकर काउंसिल के इस फरमान से राहत दिलाने की गुहार लगायी है.
इसे भी पढ़ें :- ये नाम उस राजनीतिज्ञ का है जो सूरज की तरह चमका, लेकिन फिर उस पर कुछ पलों का लग गया ‘ग्रहण’
56 कॉलेज के नौ हजार से अधिक परीक्षार्थी होंगे शामिल – राज्य के विभिन्न जिलो में 56 कॉलेज के नौ हजार से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे. उनके अभिभावकों को जोड़े तो यह संख्या 18 हजार से अधिक हो सकती है. ऐसे में जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम जनता को दोपहर में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दे रहा है. उसी विभाग के काउंसिल ने ऐसे स्थान पर परीक्षा केंद्र बना दिया है. जहां न तो पहुंचने का कोई साधन है न ही रुकने का इंतजाम है. इस गर्मी में हजारों की संख्या में परीक्षार्थी और उनके अभिभावक जिसमें महिला और बुजुर्ग भी शामिल होंगे उनके लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है.
छात्र छात्राओं पर बढ़ेगा मानसिक और शारीरिक परेशानी का दबाव- मंत्री को भेजे पत्र में बताया गया है कि काउंसिल के मनमाने निर्णय से छात्र-छात्राओं को मानसिक व शारीरिक परेशानी होगी तो अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. एक तो केंद्र तक जाने के रास्ते में उस गांव की संकीर्ण सड़क परेशानी उत्पन्न करती है. दूसरी बात ये कि केन्द्र शहरी क्षेत्र से बाहर होने के कारण यातायात के साधन उपलब्ध नहीं हैं. लोगों को निजी व्यवस्था से यहां पहुंचना होगा जिससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा. परेशानी होगी सो अलग. यह स्थिति हर परीक्षार्थी परिवार के लिए एक सप्ताह तक रहेगी.
छात्र-छात्राओं ने फार्मेसी काउंसिल को वीरान सुदूर गांव में परीक्षा केंद्र आए तिथि बदलने की मांग की
इससे पहले छात्र-छात्राओं ने फार्मेसी काउंसिल को वीरान सुदूर गांव में परीक्षा केंद्र बनाने जाने से होने वाली परेशानी को अवगत कराया और केंद्र व तिथि बदलने की मांग की. लेकिन काउंसिल की ओर से बताया गया कि स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के आलोक में सब कुछ हो रहा है लिहाजा वे कुछ नहीं कर सकते हैं. इसके बाद परीक्षार्थियों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को त्राहिमाम भेजकर गुहार लगाते हुए सभी तथ्यों से अवगत कराया है. उन्हें बताया गया है कि सैकड़ो महिला परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावक एवम उनके छोटे बच्चे भी केन्द्र तक जाते हैं. जिन्हे कहीं पर भी सिर छुपाने के लिए छाया तक नही मिलती है. राज्य भर से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए होने वाली परेशानी अलग है.
शहर की आबादी से दूर वाईबीएन यूनिवर्सिटी को ही क्यों बनाया सेंटर
परीक्षार्थियों ने मंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि पिछली बार यहां परीक्षा देने आने वाले स्टूडेंटस को कॉलेज के शिक्षक यह कहकर प्रभावित करते रहे कि यहां फार्मेसी की 200 सीटें और परीक्षा के साथ प्रश्नपत्र भी स्वयं विवि सेट करता है, इससे कोर्स करने वालों को पास करने में आसानी होगी. इसके बाद कॉलेज में परीक्षा के दौरान नकल रोकने के नाम पर छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित किया गया. यहां छात्रों को इनविजीलेटर के कार्य पर लगाया गया था. जो महिलाओं और छात्राओं के साथ अमर्यादित टिप्पणी कर रहे थे. इसकी शिकायत भी काउंसिल से की गयी थी. जांच के नाम पर यहां बाउंसर टाइप के लोग लगाये गये थे मानो परीक्षा नहीं कोई जंग रोकने की तैयारी की जा रही हो. परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों पर अघोषित रूप से मानसिक दबाव बनाया जाता रहा जो खराब रिजल्ट का कारण बना.
निजी संस्थान को फायदा पहुंचाने का किया जा रहा प्रयास तो नहीं ?
मंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया गया है छात्र-छात्राओं की परेशानी को भूलकर सिर्फ निजी संस्थान को फायदा पहुंचाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के पदाधिकारियों ने सुदूर ग्रामीण इलाके में सेंटर बनाया है. इसमें YBN कॉलेज की मान्यता और मानक की जांच करने की मांग की गयी है. यह भी पता लगाने का अनुरोध किया गया है कि काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार शहर के बीच विभिन्न सरकारी संस्थानों को छोड़कर सिर्फ निजी संस्थान वाईबीएन को भी केंद्र के रूप में क्यों चुन रहे हैं? मंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे अनुरोध पत्र में हजारों परीक्षार्थियों के हित को ध्यान में रखकर केन्द्र और परीक्षा तिथि बदलने के लिए परिषद् को आदेशित करने का अनुरोध किया गया है.