खरसावां: जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है वो वाकई अमृत काल का बजट है। पहली बार जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सके।
अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।अगले तीन साल में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में 38,800 अध्यापकों व सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन शुरू किया जाएगा, इसके लिए जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्षों में 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच और परामर्श की आवश्यकता होगी।
इस बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगी।एक नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करेगा। इनमें समावेशी विकास, समाज के अंतिम पायदान तक पहुंच, अवसंरचना और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र इन मुद्दों का समावेश है। देश के विकास के लिए इन्फ़्रास्ट्रक्चर विकास बेहद ज़रूरी है। सड़क, रेल, बिजली, स्वास्थ, शिक्षा और खेती से जुड़े महत्वपूर्ण इन्फ़्रास्ट्रक्चर पर किया गया निवेश मील का पत्थर साबित होगा।