Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    The News24 LiveThe News24 Live
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Subscribe
    • Home
    • State
      • Bihar
      • Jharkhand
      • Orissa
    • Local
      • Chaibasa
      • Chakradharpur
      • Jagnnathpur
      • Jamshedpur
      • Kharswan
      • Novamundi
      • Seraikela-Kharsawan
      • Adityapur
      • Chandil
    • India
    • Business
    • Election
    • Entertainment
    • Politics
    • Sports
    • Special Report
    The News24 LiveThe News24 Live
    Home»LIVE UPDATES DAILY»हाथरस : सूरजपाल ने पुलिस की नौकरी छोड़ी, करने लगे सत्संग, जानें कौन हैं भोले बाबा, जिनके कार्यक्रम में मची भगदड़, चली गयीं 116 जानें
    LIVE UPDATES DAILY

    हाथरस : सूरजपाल ने पुलिस की नौकरी छोड़ी, करने लगे सत्संग, जानें कौन हैं भोले बाबा, जिनके कार्यक्रम में मची भगदड़, चली गयीं 116 जानें

    By The News24 Live03/07/2024No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter WhatsApp Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram Threads
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email Telegram WhatsApp Threads

    भोले बाबा की खासियत यह है कि वह भगवा वस्त्र नहीं पहनते हैं, बल्कि सफेद सूट और टाई पहनना पसंद करते हैं, उनका दूसरा पसंदीदा परिधान कुर्ता-पायजामा है

    Lucknow (लखनऊ) : बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ ने करीब दो दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया था और अपने अनुयायियों की एक बड़ी तादाद खड़ी कर दी. हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित ‘भोले बाबा’ के एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल हो जाने के बाद उनके बारे में लोगों की जिज्ञासा बढ़ गयी.

    इसे भी पढ़ें : नई दिल्ली में आयोजित समारोह में कुणाल षाडंगी अटल तिरंगा सम्मान-2023 अवार्ड से हुए सम्मानित


    पुलिस के एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि कासगंज के पटियाली थाना क्षेत्र के बहादुर नगर के मूल निवासी करीब 70 वर्षीय ‘भोले बाबा’ का असली नाम सूरजपाल है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति (एससी) के सूरजपाल ने करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया और ‘भोले बाबा’ बनने के बाद उनके भक्तों की संख्या बढ़ने लगी. उनके सत्संग में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं.
    पटियाली के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) विजय कुमार राना ने इस बात की पुष्टि की कि ‘भोले बाबा’ बहादुर नगर के रहने वाले हैं और करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोडकर सत्संग करने लगे.


    सामान्य जानकारी के आधार पर सीओ ने बताया कि सूरजपाल के तीन भाइयों में एक की मौत हो चुकी है और ‘भोले बाबा’ के रूप में ख्याति पाने वाले बाबा ने यहां बहादुर नगर की अपनी संपत्ति को एक ट्रस्ट बनाकर एक केयर टेकर नियुक्त किया है. बाबा की कोई संतान नहीं है और पत्नी को अपने साथ ही लेकर सत्संग में जाते हैं.


    हाथरस के एक जानकार ने बताया, ‘बाबा प्रवचन देते हैं और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अपने ‘वालंटियर’ रखते हैं, जो उनके सत्संग की व्यवस्था संभालते हैं. उन्होंने बताया कि प्रवचन करने वाले ‘भोले बाबा’ ने डेढ़ दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था और ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ बन गये. बाबा के बहादुर नगर के आश्रम स्थापित होने के बाद गरीब और वंचित तबके के बीच में उनकी प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी और लाखों की संख्या में उनके अनुयायियों बन गए.


    नारायण हरि की एक खासियत यह है कि वह भगवा वस्त्र नहीं पहनते हैं, बल्कि सफेद सूट और टाई पहनना पसंद करते हैं. उनका दूसरा पसंदीदा परिधान कुर्ता-पायजामा है. अपने प्रवचनों के दौरान वह कहते हैं कि उन्हें जो दान दिया जाता है, उसमें से वे कुछ भी नहीं रखते और उसे अपने भक्तों पर खर्च कर देते हैं.

    इसे भी पढ़ें : http://दिल्ली हाट के सामने आयोजित मगे पोरोब-2024 में आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा की टीम ने लिया हिस्सा, विभिन्न राज्यों  से “हो” समाज के प्रतिनिधि हुए शामिल

    #bharat #hathras #letest news #up Uttar Pradesh
    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Threads Copy Link
    The News24 Live
    • Website

    Journalist

    Related Posts

    Adityapur Nisha Upadhyay Bhajan: एमआईजी मैदान में निशा उपाध्याय और कृष्णमूर्ति के भजनों पर झूमे श्रद्धालु, काली पूजा भजन संध्या में भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय ने भक्ति रस में डुबोया

    22/10/2025

    संयुक्त यूनियन, जनप्रतिनिधि व ग्रामीण हुए गोलबंद, गुवा सेल प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा

    22/10/2025

    सागुन सोहराई पर्व पर सांसद जोबा माझी ने बनाई रंगगोली, जताया संस्कृति से जुड़ाव

    22/10/2025
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.