Chaibasa:- स्कॉट बालिका विद्यालय चाईबासा के प्रागंण में भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा चाईबासा ने राष्ट्रीय इप्टा के 80वीं स्थापना दिवस को “जन संस्कृति दिवस ” को मनाया। इस अवसर पर “वर्तमान परिदृश्य में इप्टा की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
शीतल सुगन्धिनी बागे ने इप्टा के स्थापना काल पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 25 मई 1943 को इप्टा की स्थापना हुई। इस समय देश ब्रिटिश शासन के अधीन कई समस्याओं से जूझ रहा था। दूसरी ओर बंगाल के अकाल ने समाज को बुरी तरह झंझोर दिया था ऐसे समय में अकाल पीड़ितों को सहायता पहुँचाने के लिए रंगकर्मी एक मंच पर सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से उन्हें सहायता पहुँचाते थे। ताकि वे इस बवंडर से निजात पा सके और जीवन को नऐ सिरे से सृजित कर सकें।
सचिव संजय चौधरी ने कहा कि इप्टा अपने स्थापना काल से कला के माध्यम से समाज को एक नयी दिशा देती आयी है और वर्तमान समय में भी पूर्व की भांति अपनी भूमिका निभा रही है। अपने जनगीतों, नुक्कड़ नाटकों, संगोष्ठियों के साथ ही अन्य विविध क्रियाकलापों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है।
अध्यक्ष कैसर परवेज ने कहा कि सभी कलाप्रेमियों, संस्कृतिकर्मियों, साहित्यकारों, साहिर लुधियानवी, सलील चौधरी,अनिल डिसलवा, कैफी आजमी, बलराज साहनी शरीखे लोगों ने इप्टा को मजबूत आयाम दिया। निश्चित तौर पर इप्टा के क्रियाकलाप देश में प्रेम, सौहार्द और भाईचारा को अक्षुण्ण रखने के लिए तत्पर है और अनवरत रहेगी।
इस अवसर पर राज किशोर साहू,श्यामल दास ने भी अपने विचार रखे। मौके पर राजू प्रजापति, अनु पुरती,परवेज आलम, प्रीति उराँव, सुमन गोप, सुषमा बड़ाईक, गिरीश दोदराजका, मौसम राम, किशोर साव, शिवशंकर पासवान, महेश राम, नरेश राम सहित अन्य रंगकर्मी उपस्थित रहे।