जमशेदपुर: आजसू पार्टी के आईटी सेल के लॉबीन चंद्र महतो के द्वारा क्षत्रिय समाज एवं सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने का मामला गरमाता जा रहा है. इस मामले में क्षत्रिय समाज से जुड़े लोगों के साथ अन्य संस्थाओं से जुड़े लोगों में रोष का माहौल है.

इस बीच क्षत्रिय महासंघ के टेल्को इकाई के अध्यक्ष संजय सिंह हितैषी ने लॉबीन चंद्र महतो के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है. उन्होंने आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो के रवैये पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि आखिरकार हर मामले में बड़बोले बयान देने वाले सुदेश महतो इस संवेदनशील मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? उन्होंने खासकर आजसू के उन नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है, जो क्षत्रिय समाज से आते हैं. श्री हितैषी ने कहा कि पहले समाज, फिर राज्य और उसके बाद राष्ट्र हित की बात करने की दुहाई देने वाले क्षत्रिय समाज के इन नेताओं की मामले में इस तरह से चुप्पी शर्मनाक है. उन्हें मुखर होकर समाज हित में बात करनी चाहिए, न कि सिर्फ किसी खास राजनीतिकि दल में बने रहने की खातिर समाज हित में चुप्पी साध लेनी चाहिए. राष्ट्र के प्रति क्षत्रिय समाज का योगदान सर्वोपरि है. इसे लेकर किसी के प्रमाण की आवश्यकता नहीं है. श्री हितैषी ने कहा कि क्षत्रिय समाज के धैर्य और खामोशी की परीक्षा नहीं ली जाए. इतिहास गवाह है कि जब-जब क्षत्रिय समाज ने किसी के खिलाफ लड़ाई का बिगुल फूंका है, तब-तब उसे नेस्तानबूद कर ही दम लिया है. चाहे इसके लिए समाज को कोई भी बलिदान देना पड़ा हो. बावजूद इसके, क्षत्रिय समाज के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी और आजसू पार्टी सुप्रीमो की खामोशी अब समाज के लोगों को खल रही है.
इसके साथ ही क्षत्रिय संघ के संजय सिंह हितैषी ने एनडीए के घटक दल खासकर, भाजपा पर भी जमकर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के रक्षक क्षत्रिय समाज के प्रति इस तरह के बयान पर भाजपा नेताओं की चुप्पी भी संदेह के घेरे में है. क्योंकि भाजपा ही वह पार्टी है, जो बात-बात पर सनातन धर्म की रक्षा करने की दंभ भरती है. यह भी नहीं भूलना चाहिए कि विगत लोकसभा चुनाव में गुजरात के एक तथाकथित भाजपा नेता द्वारा क्षत्रिय समाज के विरुद्ध की गई टिप्पणी का परिणाम क्या सामने आया था? इससे सभी राजनीतिक दलों को सबक लेने की जरूरत है. रही बात समाज के खिलाफ अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी करने की तो, इस मामले में क्षत्रिय समाज चुप नहीं बैठेगा और जरूरत पड़ने पर उग्र आंदोलन भी किया जाएगा.