Ranchi (रांची) : झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) परिसर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर बड़ा फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि प्रशासन की कार्रवाई बिना किसी रोक-टोक के जारी रहेगी। अदालत ने अतिक्रमण (Encroachment) के खिलाफ दायर की गई सभी याचिकाओं को विस्तृत सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।
सुनवाई के दौरान कई लोगों ने हस्तक्षेप याचिकाएँ दाखिल कर यह आग्रह किया था कि रिम्स परिसर में चल रही कार्रवाई को रोका जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए सभी आग्रह अस्वीकार कर दिए कि रिम्स की भूमि सार्वजनिक संपत्ति है और उस पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण या कब्जा जनहित के विरुद्ध है।

कार्यवाही के दौरान रांची के उपायुक्त (DC), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और बड़गाई के अंचल अधिकारी (CO) आवश्यक अभिलेखों और दस्तावेजों के साथ उपस्थित हुए। अधिकारियों ने रिम्स परिसर में चिन्हित अतिक्रमण (Encroachment), की गई कार्रवाई, भविष्य की रणनीति और प्रशासन की तैयारियों के बारे में कोर्ट को विस्तृत जानकारी दी। अदालत ने प्रशासन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त किया और अभियान को जारी रखने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट (High court) ने स्पष्ट कहा कि रिम्स (RIMS) राज्य का प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है और इसकी जमीन का संरक्षण आवश्यक है। अवैध कब्जे न केवल संस्थान की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं, बल्कि भविष्य की विकास योजनाओं में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। इसलिए अतिक्रमण हटाओ अभियान किसी भी प्रकार की रुकावट के बिना जारी रहना चाहिए।
अदालत के आदेश के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रशासन रिम्स परिसर के शेष अतिक्रमणों पर भी तेजी से कार्रवाई करेगा। इस निर्णय को प्रशासनिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से चल रहे इस विवाद पर अब स्पष्ट दिशा मिल गई है।
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