दो महिलाओं की मौत के बाद सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टीम पहुंची गांव
किरीबुरु/मनोहरपुर : पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र में फैली बीमारी और दो महिलाओं की मौत के बाद झारखंड सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टीम चुरगी गाँव पहुँची। टीम ने गाँव में स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।

जांच में खुलासा: अंधविश्वास और इलाज में देरी बनी मौत की वजह
स्टेट टीम के मलेरिया निरीक्षक डॉ. अनिल प्रसाद ने बताया कि मृत महिला जावनी लागूरी और तुरी चंपिया के परिजनों से हुई पूछताछ में यह सामने आया कि दोनों छह महीनों से बीमार थीं। अस्पताल जाने के बजाय परिजन घर पर ही झाड़-फूंक और झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे थे। डॉ. प्रसाद के अनुसार, इन मौतों को सीधे मलेरिया से नहीं जोड़ा जा सकता, क्योंकि जागरूकता की कमी और समय पर सही इलाज न मिलना मौत का मुख्य कारण रहा है।
हेल्थ कैंप में मिले 32 मरीज, रिक्त पड़ा है सहिया का पद
चुरगी गाँव में पिछले तीन दिनों से लगाए जा रहे स्वास्थ्य शिविर में अब तक 32 ग्रामीण मलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं। जांच के दौरान टीम को यह भी पता चला कि गाँव में सहिया का पद रिक्त है, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य निगरानी में कमी आई है। टीम ने स्थानीय मेडिकल टीम को जल्द सहिया चयन करने और नुक्कड़ नाटक के जरिए जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया है।
टीम के प्रमुख सदस्य
इस दौरे में स्टेट कंसलटेंट जयंत देव सिंह, नीलम कुमार, जिला सलाहकार शशिभूषण महतो, डॉ. अनिल कुमार और मलेरिया संभाग के हरविंदर कुमार समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।
मलेरिया से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां
वेबसाइट के पाठकों के लिए टीम द्वारा दी गई कुछ महत्वपूर्ण सलाह:
- मच्छरदानी का प्रयोग: रात को सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें।
- साफ पानी: पीने के लिए हमेशा साफ या उबालकर ठंडा किया हुआ पानी इस्तेमाल करें।
- जलजमाव रोकें: घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं।
- तुरंत इलाज: बुखार आने पर झाड़-फूंक के बजाय सीधे नजदीकी सरकारी अस्पताल (CHCs/PHCs) जाएँ।


