ICHAGARH : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ विधान सभा का तीन बार विधायक रह चुके कोल्हान के कद्दावर और बाहुबली नेता अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की भाजपा में फिर से वापसी हो चुकी है. वह ऐसे-वैसे नहीं, बल्कि अपने विधान सभा क्षेत्र के चांडिल रिसॉर्ट में करीब 20 हजार लोगों की मौजूदगी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के समक्ष उन्होंने भाजपा का दामन थामा.
मौके पर पार्टी के कई वरीय नेता उपस्थित रहें. यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि बीते 13 फरवरी को उनके ज्वाइनिंग समारोह में मंच पर ईचागढ़ के पूर्व विधायक स्वर्गीय साधुचरण महतो की पत्नी श्रीमति सारथी महतो भी मौजूद रही. वहीं, जिस तरह के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के भाजपा में ज्वाइनिंग समारोह में उनके समर्थकों और क्षेत्र की जनता में जबरदस्त उत्साह का माहौल दिख रहा था, वह एक तरह से अभूतपूर्व था. इससे कई सारे संकेत साफ मिलते दिखें, जो ईचागढ़ की पूरी राजनीतिक समीकरण को बदलते नजर आ रहे हैं. स्थिति यह है कि इससे पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के विरोधियों में खलबली मच गई है, वहीं ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के खुद को अगला विधायक होने का दंभ भरनेवाले आजसू के एक बड़े नेता की तो जैसी नींद उड़ गयी है. वह इसलिए कि भाजपा और आजसू में गठबंधन है और ईचागढ़ भाजपा की पारंपरिक सीट रही है. बीच में जरूर थोड़ी उहापोह की स्थिति रही थी, लेकिन पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान को ईचागढ़ विधानसभा में ही ज्वाइनिंग करारकर भाजपा नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि पहले कि तरह इस बार भी ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र से भाजपा का ही प्रत्याशी रहेगा. ऐसे में आजसू के उस बड़े नेता में खलबली भी समझी जा सकती है. जाहिर तौर पर आजसू से टिकट नहीं मिलने पर चुनाव लड़ने के लिए उक्त नेता को किसी दूसरे दल का रूख करना ही होगा. इसे देखते हुये यह चर्चा आम हो गई है कि क्या वे आजसू पार्टी छोड़कर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) का दामन तो नहीं थामेंगे ?
पार्टी को मिला सशक्त नेतृत्वकर्ता, गुटबाजी का होगा खात्मा
कहने की जरूरत नहीं कि हाल के दिनों तक में ईचागढ़ में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बिखराव की स्थिति और गुटबाजी चरम पर रही है. मामला पार्टी के ही दो गुटों के बीच मारपीट तक जा पहुंचा था, इस मामले में एक गुट के एक खास कार्यकर्ता की गिरफ्तारी तक भी हो चुकी है. भाजपा की राजनीति पर पैनी नजर रखनेवालों की मानें तो पार्टी संगठन की इस दयनीय स्थिति को देखते हुये पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पहले से ही ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र की कमान किसी सशक्त नेता के हाथों को सौंपना चाहते थे,और इसके लिये पूर्व विधायक अरविंद सिंह से उपयुक्त और कोई नेता नहीं हो सकता था. क्योंकि ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की काबिलियत और दमखम से सभी वाकिफ हैं. साथ ही, उनका क्षेत्र के विधायक के रूप में हर कार्यकाल विकास सहित अन्य सारी दृष्टि से ईचागढ़ की जनता के लिए स्वर्णिम काल रहा है. इसी को देखते हुये भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की ज्वाइनिंग कराते हुये, उनके हाथों में क्षेत्र की कमान सौंपी है. इससे पार्टी को सीधा यह लाभ मिला कि अब शायद ही ईचागढ़ भाजपा में गुटबाजी की कोई गुंजाईश रहेगी. उससे भी बड़ी बात कि भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच अपने पार्टी के नेता को लेकर उहापोह की जो स्थिति बनी हुई थी, उसका भी खात्मा हो चुका है.
अपने विधानसभा क्षेत्र में ही ज्वाइनिंग क्यों ?
यहां गौर करनेवाली बात यह भी है कि पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह भी अन्य नेताओं की तरह भाजपा के रांची प्रदेश कार्यालय में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पार्टी के अन्य वरीय पदाधिकारियों के समक्ष अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में ज्वाइनिंग कर सकते थे, लेकिन पार्टी से जुड़े कुछ खास लोगों की मानें तो भाजपा के प्रदेश नेतृत्व का मानना था कि अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की ज्वाइनिंग उनके विधानसभा क्षेत्र में ही हो, जिसमें पार्टी के सभी स्थानीय नेता भी मौजूद रहें और जाहिर तौर पर यहां ज्वाइनिंग होगी तो क्षेत्र की आम जनता ज्यादा संख्या में मौजूद रहेगी. उनके बीच सीधे-सीधे मैसेज जा सके कि पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की यहां और इस तरह से ज्वानिंग के पीछे पार्टी नेतृत्व का मकसद क्या है?
जनसैलाब और गाड़ियों का काफिला देख सभी रहे दंग
इस बीच सभा में जिस तरह से ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कोने-कोने से भारी संख्या में पार्टी नेता, कार्यकर्ता और आम जनता पहुंची उससे जो जनसैलाब उमड़ा यह देख सभी दंग रह गये हैं. यहां ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि ज्वाइनिंग समारोह के दिन सुबह से ही मौसम का मिजाज बिल्कुल बदल चुका था. पूरे ईचागढ़ में मूसलाधार बारिश हो रही थी, बावजूद इसके हर क्षेत्र से गाड़ियों का काफिला निकला, जिसमें खचाखच लोग भरे हुये थे.
और वह भी गाजे-बाजे के साथ भाजपा का झंडा लहराते हुये सभी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. यह देख विरोधी दलों के लोग तो क्या सभी एक तरह से दंग ही दिखें और कहने पर मजबूर हो गयें कि मलखान सिंह आखिर मलखान सिंह ही हैं. जिस तरह 35-40 साल पहले क्षेत्र की जनता में उनके प्रति विश्वास था वह आज भी उसी तरह से कायम है. खासकर, इस बार तो जनता का रूझान उनके प्रति बेहद ज्यादा दिख रहा है. इससे समझा जा सकता है कि उनकी ज्वाइनिंग से पार्टी संगठन पर क्या असर पड़ा है. जाहिर तौर पर उनके नेतृत्व में आगे और पार्टी संगठन मजबूत होती जाएगी. इसके साथ ही, जनता का उत्साह भी बढ़ता जाएगा.