Chaibasa:- मानकी मुंडा संघ भवन मंगलाहाट में मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा की अध्यक्षता में स्थानीय नीति सम्बंध में बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न संगठन के लोग उपस्थित हुए। बैठक में झारखंड सरकार के कैबिनेट द्वारा पारित स्थानीय नीति पर राय-मशवरा किया गया। सर्वप्रथम झारखंड सरकार के ख़ातियान आधारित स्थानीय नीति का स्वागत किया गया। लेकिन सिर्फ़ 1932 खतियान का ज़िक्र होने से समूचे कोल्हान में लोग सहज नहीं महसूस कर रहे हैं।
सामाजिक संगठनों पर भी इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बना है। सर्वसहमती से यह बात स्वीकार किया गया की कोल्हान के अंतिम सर्वे सेटलमेंट(1963-64) को भी इस अधिनियम में शामिल किया जाए। कैबिनेट द्वारा पारित ड्राफ़्ट के कंडिका 8 को बिलोपित किया जाए। ताकि राज्य सरकार के द्वारा पारित अधिनियम का फ़ायदा राज्य के लोगों को राज्य सरकार द्वारा बिल पारित होने के साथ ही हो। इसीलिए आज यह निर्णय हुआ की आगामी 20 सितम्बर को सर्किट हाउस में सभी जन प्रतिनिधियों एवं विभिन संगठन के प्रतिनिधियों एवं समाज के चुनिंदा बुड्डिजीवों के साथ एक बैठक रखी गई है। उस बैठक में कोल्हान की स्थिति स्थानीय नीति सम्बंध में क्या हो सकती है पर चर्चा की जाएगी। ताकि सभी झारखंडियों के साथ कोल्हान के लोगों को भी समुचित न्याय मिल सके।
स्थानीय नीति सम्बन्धी चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया जिसमें मुकेश बिरुवा, यदुनाथ तियु, डॉक्टर बबलु सुंडी, मुंडा कालीचरण बिरुवा, मानकी गणेश पाट पिंगुवा, रमेश जेराई, रेयाँस समड, एवं सनातन पिंगुवा को रखा गया। आगे समिति का विस्तार एवं स्वरूप आवश्यकतानुसार बनाया जा सकेगा। ताकि कोल्हान के लोगों को विश्वास में लेकर बातों को बढ़ाया जा सके।
बैठक में मुख्य रूप से केआर बिरूली, डॉक्टर बबलु सुंडी, दुलराम कुंकल, शेरसिंह बिरुवा, गणेश पाट पिंगुवा, मोरन सिंह तमसोय, राजेंद्र नाथ सिंकु, सनातन पिंगुवा, नारायण कांडेयांग, रेयाँस समड, यदुनाथ तियु, कालीचरण बिरुवा, रमेश जेराई, दलपत देवगम, तथा महर्षि महेंद्र सिंकु आदि उपस्थित हुए।