Chaibasa : जम्मू कश्मीर में तैनात बीएसएफ के जवान की तबीयत बिगड़ने से इलाज के दौरान मौत हो गई. बुधवार को जवान को चक्रधरपुर के धर्मसाई गांव में परंपरा के तहत अंतिम विदाई दी गई.
चक्रधरपुर धर्मसाईं निवासी बुधलाल जोंको जम्मू कश्मीर में बीएसएफ 5 बटालियन में सहायक अवर निरीक्षक के पद पर तैनात थे. वर्तमान में वे कश्मीर के पुंज में तैनात थे. 13 मार्च की रात को उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने ले जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई. बाद में बीएसएफ जम्मू कश्मीर से रांची लाया गया जहां से सड़क मार्ग से चक्रधरपुर थाना में लाया गया. बाद में उनके पैतृक घर चक्रधरपुर प्रखंड के धर्मसाई गांव लें जाया गया, जहां परिवार के सदस्यों सहित विभिन्न पार्टी के नेताओं ने अंतिम दर्शन किया. बाद में पूरे रिती रिवाज से सुपुर्द ए खाक किया गया. इस दौरान उनके सम्मान में नारे भी लगाए गए जहां पारंपरिक तरीके से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान पूरे रिति रिवाज से उनके पुत्र सुभाष जोंको ने किया.
बीएसएफ के जवान बुधलाल जोंको की पत्नी है आंगनबाड़ी सेविका
बीएसएफ के जवान बुधलाल जोंको अपने पीछे पत्नी और एक बेटा छोड़ गए. उनकी पत्नी मनीबा जोंको आंगनवाड़ी में सेविका है, जबकि उनके पुत्र सुभाष जोंको छात्र हैं. उनके चक्रधरपुर धर्मसाईं में पैतृक घर है.
दोस्त के तरह पिता थे: पुत्र
बीएसएफ जवान बुधलाल जोंको के पुत्र सुभाष जोंको ने बताया कि पिता के साथ साथ वह हमारे दोस्त भी थे हर दुख:सुख में साथ निभाते थे. उनकी याद हमेशा मुझे रहेगी। उन्होंने कहा कि वह हमेशा ड्यूटी पर जाने या आने के लिए जमशेदपुर से जम्मू तवी एक्सप्रेस ट्रेन से सफर करते थे. उन्होंने बताया कि वह झारखंड के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को हमेशा अपना मानते थे. यही कारण है कि वह हमेशा जम्मूतवी एक्सप्रेस ट्रेन से ही सफर करते थे. पुत्र ने बताया कि एक बार उक्त गाड़ी 12 घंटा विलंब से टाटानगर पहुंची. तब हमने पापा से कहा कि यह गाड़ी से क्यों आना जाना करते हैं. तब उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर हमारा अभिनय अंग है, इस नाम से ट्रेन है, इस लिए इसी ट्रेन से आना जाना ही करेंगे.
झारखंड के जवानों के साथ था उनका मधुर संबंध
बीएसएफ के जवान बुधलाल जोंको एक नेक दिल इंसान थे हमेशा दूसरों की मदद के लिए खड़े रहते थे. खास कर सेवा में तैनात झारखंड के जवानों के साथ उनका हमेशा मधुर संबंध रहा. वे हमेशा ड्यूटी के बाद झारखंड के जवानों के साथ फोन पर बात कर उनका हाल-चाल लेते रहते थे. खाली समय में जानवरों के साथ भी उनका मधु संबंध था और समय-समय पर उन्हें दाना पानी देते थे. जब भी वे छुट्टी पर घर आते थे तो सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवाओं को टिप्स देते थे. राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देते थे. यही कारण है कि उनकी अंतिम यात्रा में “जब तक सूरज चांद रहेगा बुधलाल जोंको तेरा नाम रहेगा” “बुधलाल जोंको अमर रहे” का नारा गुंजा.
BSF के सहायक निरीक्षक ने बेटे को सौंपा गया राष्ट्रध्वज
तिरंगे में लिपटे बीएसएफ के जवान बुधलाल जोंको के पुत्र सुभाष जोंको पूरी सम्मान के साथ राष्ट्रध्वज को बीएसएफ के सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार को सोपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को उनकी याद में तिरंगा को लहरना है ताकि उनकी अंतिम इच्छा पूरी हो सके.
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
बीएसएफ के जवान बुधलाल जोंको को अंतिम विदाई देने के लिए काफी संख्या में लोग उपस्थित थे. चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार, पूर्व विधायक शशिभूषण सामड, गुरु जी आशीर्वाद योजना के अध्यक्ष सन्नी उरांव, भाजपा जिला अध्यक्ष सतीश पुरी, भाजपा नेत्री गीता बालमुचू सहित समाज व विभिन्न राजनीतिक दल के लोग उपस्थित होकर श्रद्धांजलि दी.