Ranchi (रांची) : घाटशिला सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। मतदान की तारीख नजदीक है, और झामुमो-कांग्रेस गठबंधन बनाम भाजपा के बीच शब्दों के तीर तेज़ी से चल रहे हैं। झामुमो के विधायक सह मंत्री दीपक बिरुआ ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है।
चार तस्वीरों के जरिए ‘मौकापरस्त’ बताने का आरोप
मंत्री दीपक बिरुआ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चंपाई सोरेन की चार पुरानी तस्वीरें साझा कीं। इन तस्वीरों में चंपाई सोरेन कभी गुरुजी शिबू सोरेन के साथ तो कभी दिवंगत रामदास सोरेन से मिलते दिखाई दे रहे हैं। एक तस्वीर में वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मुखामुखी बातचीत करते भी नजर आते हैं।
इन तस्वीरों के जरिए बिरुआ ने चंपाई पर आरोप लगाया कि उन्होंने समय-समय पर अपने राजनीतिक हित साधने के लिए दल बदल किए हैं और वे मौके के अनुसार पक्ष बदलने वाले नेता हैं।
‘कोल्हान के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों जैसा होगा अंजाम’
दीपक बिरुआ ने चंपाई की तुलना कोल्हान क्षेत्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों — अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और रघुवर दास — से की है। उन्होंने चंपाई पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक सफर भी अब ढलान पर है और 14 नवंबर को यह बात साफ हो जाएगी।
बिरुआ ने लिखा,
“खुद की जमीर को मारकर सिर्फ पद और पुत्र के लिए अपने राजनीतिक अस्तित्व के अंत की ओर बढ़ गए। आपकी यह मजबूरी न सिर्फ झामुमो बल्कि पूरा झारखंड समझ रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा,
“बहुत बड़ी हार बाबूलाल की कर रही है इंतजार,”
जो इस बात का संकेत है कि भाजपा प्रत्याशी के रूप में चंपाई के पुत्र को भी जनता नकार सकती है।
उपचुनाव में कड़ा मुकाबला
11 नवंबर को घाटशिला विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है। यहां झामुमो ने स्वर्गीय रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन को टिकट दिया है, जबकि भाजपा की ओर से चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन फिर से मैदान में हैं। दोनों दलों के बीच यह मुकाबला प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है। मतगणना 14 नवंबर को होगी, जिसका बेसब्री से इंतजार है।

