Desk: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम अपना संबोधन दिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि यह दिन हमारे लिए बेहद ही गौरवपूर्ण है. चारों ओर उत्सव का माहौल देखकर मुझे काफी खुशी हो रही है.राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और काम से जुड़ी पहचान भी होती है. लेकिन हमारी सबसे बड़ी पहचान है भारत का नागरिक होना. हम सभी समान रूप से भारत के नागरिक हैं.
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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने देश के नाम अपना संबोधन दिया. इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि यह दिन हमारे लिए बेहद ही गौरवपूर्ण है। चारों ओर उत्सव का माहौल देखकर मुझे काफी खुशी हो रही है। स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है.
राष्ट्रपति ने कहा हमारे कर्तव्य एक हैं
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और काम से जुड़ी पहचान भी होती है. लेकिन हमारी सबसे बड़ी पहचान है भारत का नागरिक होना। हम सभी समान रूप से भारत के नागरिक हैं। हमें समान अधिकार और अवसर मिले हैं और हमारे कर्तव्य भी समान हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि गांधीजी और दूसरे महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया.सरोजिनी नायडू, अम्मू स्वामीनाव रमा देवी, अरुणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी जैसी महान महिलाओं ने बाद की सभी पीढ़ियों के लिए आत्म-विश्वास के साथ, देश तथा समाज की सेवा करने का आदर्श स्थापित किया.